गुटेरेस ने सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त करने को वैश्विक सहयोग का किया आह्वान…
संयुक्त राष्ट्र, 14 फरवरी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग में सुधार के लिए ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को साकार करने के लिए एक गाइड के रूप में सितंबर 2021 में लॉन्च की गई अपनी रिपोर्ट ‘हमारा कॉमन एजेंडा’ के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासभा को जानकारी देते हुए श्री गुटेरेस ने सोमवार को कहा कि महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा, “हमें और गहराई तक जाने की जरूरत है। जलवायु पर, संघर्ष पर, असमानता पर, खाद्य असुरक्षा पर व परमाणु हथियारों पर हम पहले से कहीं ज्यादा बढ़त के करीब हैं।” उन्होंने कहा, “फिर भी हमारे सामूहिक समस्या-समाधान तंत्र चुनौतियों की गति या पैमाने से मेल नहीं खाते हैं।” संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बताया कि बहुपक्षीय शासन के वर्तमान स्वरूप, जो बीते युग में और उसके लिए डिजाइन किए गए हैं। स्पष्ट रूप से आज के जटिल, परस्पर जुड़े और तेजी से बदलते तथा खतरनाक दुनिया के लिए पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा,“वर्ष 2030 तक आने वाले वर्षों में वैश्विक विकास प्रयासों के खाके के रूप में काम करने के लिए सितंबर 2015 में विश्व नेताओं द्वारा एसडीजी को सर्वसम्मति से अपनाया गया था। इन 17 लक्ष्यों का उद्देश्य गरीबी को खत्म करना, असमानताओं से लड़ना और जलवायु परिवर्तन से निपटना है। श्री गुटेरेस ने कहा, “वर्ष 2015 के बाद से सामने आई कमियों और चुनौतियों को दूर करके हम केवल खोई हुई जमीन तैयार करेंगे जिसमें अंतर सरकारी सहयोग में अंतराल भी शामिल है।” उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सितंबर में होने वाले एसडीजी शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण प्रगति होनी चाहिए। इस बीच, उन्होंने कहा कि इस पूरे वर्ष के दौरान, उनका कार्यालय ठोस विचारों के साथ 11 नीतिगत संक्षेपों की एक श्रृंखला जारी करेगा, जिसमें शांति और सुरक्षा, वित्त, वैश्विक डिजिटल सहयोग, बाहरी अंतरिक्ष का शांतिपूर्ण उपयोग तथा 21वीं सदी के लिए संयुक्त राष्ट्र को कैसे मजबूत किया जाए जैसे मुद्दों को संबोधित किया जाएगा। श्री गुटेरेस ने कहा,“यह वह वर्ष ऐसा होना चाहिए जब हम अधिक प्रभावी वैश्विक सहयोग की नींव रखें जो आज की चुनौतियों के साथ-साथ नए जोखिमों और खतरों से निपट सके।”
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…