साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘मशीन लर्निंग’, आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर क्वाड सहमत…

साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘मशीन लर्निंग’, आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर क्वाड सहमत…

वाशिंगटन, 03 फरवरी। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का औपचारिक समूह ‘क्वाड’ साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘मशीन लर्निंग’ और संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर सहमत हो गए हैं। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के अधिकारियों ने 30-31 जनवरी को नयी दिल्ली में ‘क्वाड सीनियर साइबर ग्रुप’ की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जो समावेशी और लचीला हो।

बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि दीर्घकालिक रूप में समूह साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए मशीन लर्निंग और संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने तथा ‘कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम’ (सीईआरटी) के लिए सुरक्षित चैनलों की स्थापना करने एवं निजी क्षेत्र के खतरे की जानकारी साझा करने पर सहमत है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि समूह आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के लिए लचीलापन तथा अहम क्षेत्रों में संचालनगत प्रौद्योगिकी (ओटी) प्रणालियों के लिए खाका एवं कार्यप्रणाली विकसित करने के वास्ते प्रतिबद्ध है। इसने कहा कि ये उद्देश्य समूह के लिए भविष्योन्मुख, महत्वपूर्ण कार्य योजना का एक अहम हिस्सा बनाते हैं।

साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा कि इन उद्देश्यों पर प्रगति से क्वाड सदस्यों की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा बढ़ेगी और साइबर हमले की घटनाएं कम होंगी तथा इस तरह के खतरों पर प्रतिक्रिया देने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ‘मशीन लर्निंग’ अनुसंधान पर निकट सहयोग से नेटवर्क घुसपैठ का बेहतर पता लगाने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के साइबर जोखिम प्रबंधन में सुधार करने में अधिक आसानी होगी।

साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘मशीन लर्निंग’, आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने पर क्वाड सहमत

वाशिंगटन, 03 फरवरी (वेब वार्ता)। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का औपचारिक समूह ‘क्वाड’ साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘मशीन लर्निंग’ और संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर सहमत हो गए हैं। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के अधिकारियों ने 30-31 जनवरी को नयी दिल्ली में ‘क्वाड सीनियर साइबर ग्रुप’ की बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया जो समावेशी और लचीला हो।

बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि दीर्घकालिक रूप में समूह साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए मशीन लर्निंग और संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने तथा ‘कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम’ (सीईआरटी) के लिए सुरक्षित चैनलों की स्थापना करने एवं निजी क्षेत्र के खतरे की जानकारी साझा करने पर सहमत है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि समूह आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के लिए लचीलापन तथा अहम क्षेत्रों में संचालनगत प्रौद्योगिकी (ओटी) प्रणालियों के लिए खाका एवं कार्यप्रणाली विकसित करने के वास्ते प्रतिबद्ध है। इसने कहा कि ये उद्देश्य समूह के लिए भविष्योन्मुख, महत्वपूर्ण कार्य योजना का एक अहम हिस्सा बनाते हैं।

साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा कि इन उद्देश्यों पर प्रगति से क्वाड सदस्यों की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा बढ़ेगी और साइबर हमले की घटनाएं कम होंगी तथा इस तरह के खतरों पर प्रतिक्रिया देने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ‘मशीन लर्निंग’ अनुसंधान पर निकट सहयोग से नेटवर्क घुसपैठ का बेहतर पता लगाने और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के साइबर जोखिम प्रबंधन में सुधार करने में अधिक आसानी होगी।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…