बिकरू कांड: सह अभियुक्त खुशी दुबे को 2 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत…
यूपी सरकार ने किया विरोध, हाईकोर्ट ने नहीं दी थी जमानत…
नई दिल्ली/लखनऊ। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू हत्याकांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने आज सशर्त जमानत दे दी। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। सर्वोच्च अदालत ने खुशी दुबे को जमानत देते हुए कहा कि घटना के वक्त उनकी उम्र सिर्फ 17 साल की थी। मामले में ट्रायल शुरू हो चुका है, ऐसे में उन्हें हवालात में रखने का कोई औचित्य नहीं है। बता दें कि दो साल पहले हुए कानपुर के बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
बता दें कि सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। बता दें कि खुशी दुबे बिकरू कांड में जमानत पाने वाली पहली आरोपित हैं।.खुशी दुबे को पुलिस ने सह अभियुक्त बनाया है। पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी पर फर्जी दस्तावेज लगा सिम लेने का मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है।
खुशी दुबे की तीन दिन पहले ही हुई थी शादी…
घटना के तीन दिन पहले अमर दुबे की शादी हुई थी और बहू घर आई थी। इसके बाद अमर दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने और पुलिस द्वारा उसकी पत्नी की गिरफ्तारी की गई थी। बिकरू कांड की न्यायिक जांच पूरी होने और अदालत की कार्यवाहियां शुरू होने के बाद राजनीतिक दल के नेताओं ने अमर दुबे की पत्नी के प्रति हमदर्दी जतानी शुरू कर दी। इसे लेकर इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म पर भी काफी कमेंट्स ट्रोल हुए और राजनीतिक मुद्दा भी बनाने का प्रयास किया गया। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता की पैरवी करने की इच्छा जाहिर की थी। वहीं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कराने के लिए सहयोग का दावा किया था।
साल 2020 में हुआ था कानपुर का बिकरु कांड…
साल 2020 में देशभर में कानपुर के बेहद चर्चित बिकरु काण्ड पुलिस ने खुशी दुबे समेत चार महिलाओं को घटना के समय पुलिस पर जानलेवा हमला कर रहे लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। इसमें खुशी और तीन महिलाओं को 120 बी यानी अपराधिक षड़यंत्र का मुल्जिम बनाया है। खुशी दुबे की जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में वकील विवेक तन्ख़ा एवं दीपक वाजपेयी और शिवाकांत दीक्षित ने अपील की थी।
कांग्रेस ने खुशी की बहन को दिया था टिकट…
2022 विधानसभा चुनाव में खुशी की गिरफ्तारी को सभी राजनीतिक दलों ने मुद्दा बनाया था। उसके परिवार वालों ने विरोध किया था। कोर्ट ने खुशी को नाबालिग माना था। इस मामले में पुलिस ने उसे आरोपी माना था। उस पर 120-बी की कार्रवाई की थी। मामला सुर्खियों में आया तो विरोध भी हुआ। विपक्षी दलों ने इस मामले को मुद्दा बनाया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी खुशी दुबे की मां से मिली थी। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में खुशी की बहन नेहा तिवारी को कांग्रेस ने कल्याणपुर से टिकट भी दिया मगर वह हार गई थी।
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,