तटीय, अपतटीय नौसेना परिसम्पत्तियों की सुरक्षा की मजबूती में देरी की कैग ने आलोचना की…

तटीय, अपतटीय नौसेना परिसम्पत्तियों की सुरक्षा की मजबूती में देरी की कैग ने आलोचना की…

नई दिल्ली, 21 दिसंबर। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि मुम्बई पर 26:11 आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति ने फरवरी 2009 में तटीय एवं अपतटीय नौसेना परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था को तीन वर्षो में सुदृढ़ बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी लेकिन इसके लिये अनुकूल एवं सहयोगी ढांचा तैयार करने में देरी ने इस पहल को‘कमजोर’ किया।

संसद में मंगलवार को पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में कहा गया है कि सागर प्रहरी बल (एसपीबी) में तीव्र अंतरग्रहण पोत (एफआईसी) को 13 से 61 महीने की देरी से शामिल किया गया। सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति द्वारा संकल्पित आधारभूत ढांचे कई नौसैन्य बंदरगाहों को पिछले जून तक उपलब्ध नहीं थे। और अधिकारी स्तर पर भी मानव संसाधनों की कमी रही।

इसमें कहा गया है कि मुम्बई पर 26:11 आतंकी हमले के बाद सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (फरवरी 2019) द्वारा तीन साल के भीतर सागर प्रहरी बल गठित करने तथा तटीय एवं अपतटीय नौसेना परिसम्पत्तियों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने का महत्व इसके लिये अनुकूल एवं सहयोगी ढांचा तैयार करने में देरी के कारण कमजोर हुआ।

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में मुम्बई पर पाकिस्तानी आतंकवादी समूह के हमले के बाद भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने तटीय सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिये कई कदम उठाये। इस हमले में 10 देशों के 28 विदेशी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, तीव्र अंतरग्रहण पोत (एफआईसी) की परिचालनात्मक उपलब्धता एवं उपयोग निर्धारित बंदरगाहों पर इसे शामिल किये जाने के बाद से अपेक्षित रूप से कम रही।

कैग ने यह भी बताया कि बूस्ट गैस टर्बाइन (बीजीटी) नौसेना के निर्देशों के तहत तय मात्रा से अधिक रखा गया। इसके साथ ही बीजीटी का आर्डर देने से पहले जहाजों को सेवा से हटाये जाने और स्टॉक की स्थिति को भी ध्यान में नहीं रखा गया। इसके परिणामस्वरूप 213.96 करोड़ रूपये मूल्य के नये खरीदे गए बीजीटी का अधिशेष हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, नोसेना के हेलीकाप्टर की मरम्मत एवं रखरखाव के कार्य में भी रक्षा मंत्रालय द्वारा सिद्धांत रूप में मंजूरी (एआईपी) लेने और संविदा को पूरा करने में काफी समय लिये जाने के कारण अत्यधिक देरी हुई। इसके कारण हेलीकाप्टर 10 वर्षो तक जमीन पर रहे या उड़ान नहीं भर सके।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…