हिमाचल में भाजपा-कांग्रेस में कांटे का मुकाबला, मुख्यमंत्री जयराम जीते…
शिमला, 08 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश 68 सदस्यीय विधानसभा चुनावों की आज हो रही मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबले के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सिराज सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
तीसरे दौर की मतगणना का पहला नतीजा मुख्यमंत्री की जीत के रूप में भाजपा के खाते में गया है। श्री ठाकुर ने कांग्रेस के चेतराम ठाकुर को 13 हजार से अधित मतों के अंतर से पराजित किया है। उनकी इस सीट से लगातार छठी जीत है। सूत्रों के अनुसार दूसरा नतीजा भी भाजपा के पक्ष में गया है जिसमें जोगिंदर नगर सीट से भी भाजपा के राकेश कुमार चुनाव जीत गये हैं। ईवीएम मतगणना जैसे जैसे आगे बढ़ रही है तो कभी भाजपा और कभी कांग्रेस बढ़त लेते हुये दिखाई दे रही है। फिलहाल के रूझानों में भाजपा 33 और कांग्रेस 32 चल रही है। तीन सीटों पर निर्दलीय समेत अन्य आगे चल रहे हैं। ऐसे में रूझानों पर गौर करें तो राज्य में भाजपा का रिवाज बदलने का नहीं बल्कि कांग्रेस का राज बदलने का नारा साकार होता दिखाई दे रहा है। सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी(आप) को मतदाताओं ने पूर्णतया नकार दिया है।
राज्य के उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर जसवां से आगे चल रहे हैं। सरकार के वह ही एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जो मतगणना में अपने प्रतिद्वंदियाें पर बढ़त बनाये हुये हैं। देहरा से भाजपा के बागी हाेशियार सिंह निर्दलीय के रूप में बढ़त बनाये हुये हैं। कांग्रेस विधायक दल और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहाेत्री हरोली, ज्वालामुखी से संजय रत्न, गगरेट से चैतन्य शर्मा आगे रहे हैं। नालागढ़ से भाजपा के बागी के एल ठाकुर आगे चल रहे हैं। 15 विधानसभा सीटों वाले कांगड़ा जिले में भाजपा आठ और कांग्रेस सात सीटों पर आगे चल रही है।
कांग्रेस ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जबकि भाजपा केंद्र और राज्य में अपनी सरकारों के विकास कार्यों, सुसाशन और जन कल्याण योजनाओं आधार पर जनता के बीच गई है1 फिलहाल के रूझानों में कांग्रेस उक्त मुद्दों के सहारे बढ़त लेती दिखाई दे रही है।
राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिये गत 12 नवम्बर को चुनाव हुये, जिसमें 412 उम्मीदवारों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में लॉक हो गई थी। चुनावी दंगल में भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (आप), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और अनेक निर्दलीय उतरे थे। इनमें 388 पुरुष और 24 महिला उम्मीदवार हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में 76.6 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर इतिहास रच दिया था। निर्वाचन आयोग ने हालांकि राज्य में इस बार 80 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। इससे पहले वर्ष 2017 में 75.57 प्रतिशत, 2007 में 71.61 प्रतिशत और 2012 में 72.69 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2017 के चुनावों में भाजपा को 44, कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं थीं। दो सीटों पर निर्दलीय और एक सीट पर माकपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…