लखनऊ के चार हुनरमंद बच्चों ने मिलकर बनाई तीन अद्भुत कारें…
हवा साफ करने वाली इलेक्ट्रिक कारों की मची धूम…
लखनऊ। दुनिया में पहली बार लखनऊ के 4 बच्चों ने 3 अद्भुत गाड़ियां बनाई है जो 5-जी-रेडी है और पर्यावरण को प्रदूषित भी नहीं करता है। यह अद्भुत चमत्कार करने वाले चार बच्चे विराज अमित मेहरोत्रा (मात्र 11 वर्षीय), आर्यव अमित मेहरोत्रा (मात्र 9 वर्षीय), गर्वित सिंह (मात्र 12 वर्षीय), और श्रेयांश मेहरोत्रा (मात्र 14 वर्षीय) हैं l इन्होने मिलकर 'फोरएवर' नामक एक टीम बनाने का फैसला किया तथा 250 से अधिक दिनों की कड़ी मेहनत, लगन, और अद्वितीय समर्पण और प्रयासों के साथ, देश के रोबोटिक वैज्ञानिक श्री मिलिंद राज द्वारा सलाह और देखरेख में, दुनिया को जीवन में ज्ञान और दृढ़ संकल्प के चमत्कार प्रस्तुत किए हैं।
इन बच्चों द्वारा दुनिया की पहली स्मार्ट कार बनाने का विचार भी, भारत को दुनिया की सबसे सस्ती कारों का निर्यातक बनाने की दृष्टि से समर्थित है। इन विशेष कारों को बनाने के लिए जिन सामग्रियों का उपयोग किया जाता है, उनमें से ज्यादातर का पुनर्नवीनीकरण की हैं। साथ ही, इन मेधावी और चमत्कारिक बच्चों ने 3 विशेष प्रकार के वाहन बनाए हैं जो बेहद अनोखे कॉन्सेप्ट से युक्त हैं, जो हवा में तैरते धूल और प्रदुषण के कणों को भी साफ कर देंगे। उन्होंने इस कॉन्सेप्ट को DFS यानी डस्ट फिल्ट्रेशन सिस्टम नाम दिया है। डीएफएस एक ऐसी तकनीक है जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को कम करने और हमें सांस लेने के लिए स्वस्थ हवा देने में मददगार साबित हो सकती है।
इन बाल अभियंताओं व वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित ये कारें विभिन्न आकार और डिजाइन की होती हैं। वे 1-, 2- और 3-सीटर में हैं, और यह अनुमान लगाया गया है कि एक पूर्ण चार्ज वाहन लगभग 110 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। क्लासिक एवं आधुनिक डिजाइन के साथ इन गाड़ियों में 1000-वाट इलेक्ट्रिक ड्राइव सिस्टम के बी.एल.डी.सी.एम. लगाया गया हैl ये प्रदूषण मुक्त गाड़ियां पर्यावरण की मदद करने में सक्षम हैंl कई दिनों परिश्रम और गहन अनुसंधान के बाद, इन वाहनों की अंतिम उत्पादन लागत लगभग 95 हजार होने को अनुमानित है। भविष्य का मिशन है-सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले तथा गतिशीलता और आई. ओ. टी. को बढ़ावा देने कुछ लिए एक बेहद किफायती वाहन बनाना।
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,