कुख्यात अपराधी मुनीर की बीएचयू में मौत, डीएसपी की हत्या में अदालत ने सुनाई थी फांसी की सजा…
बिजनौर (उप्र),। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के उपाधीक्षक और उनकी पत्नी की हत्या सहित कई जघन्य अपराधों के आरोपी और फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद जेल में बंद रहे कुख्यात अपराधी मुनीर की काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रवीण रंजन सिंह ने सोमवार को बताया कि दो अप्रैल 2016 की रात एनआईए के पुलिस उपाधीक्षक तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना स्योहारा से एक शादी समारोह से अपने घर सहसपुर लौट रहे थे तभी गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी गयी थी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में स्थानीय अदालत ने तंजील के पड़ोसी मुनीर और उसके साथी रैय्यान को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि मुनीर को सजा सुनाने के बाद सोनभद्र जेल भेजा गया था और वहां तबीयत खराब होने के कारण उसे बीएचयू में भर्ती कराया गया था।
सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह मुनीर की बीमारी के कारण मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि पुलिस रिकार्ड के अनुसार मुनीर पर 33 मुकदमे दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि इनमें धामपुर में कैश वैन के गार्ड को गोली मारकर 91 लाख की लूट, दिल्ली के कमला मार्केट में एटीएम के गार्ड की हत्या करके डेढ़ करोड़ रुपये की लूट, अलीगढ़ में रेलवे मजिस्ट्रेट की सुरक्षा में तैनात सिपाही सुरेश की हत्या करके पिस्तौल की लूट, लखनऊ के गोमती नगर में न्यायाधीश की सुरक्षा में तैनात सिपाही प्रमोद की हत्या करके पिस्तौल लूट और अलीगढ़ में 31 लाख रुपये की लूट जैसी जघन्य वारदात शामिल हैं।
सिंह ने बताया कि तंजील अहमद की हत्या के 86 दिन बाद नोएडा से गिरफ्तार होने पर पुलिस पूछताछ में मुनीर ने बताया था कि तंजील उसके बारे में जानकारी जुटा रहे थे, जिससे उसे तंजील अहमद से खतरा उत्पन्न हो रहा था इसलिए उसने उनको पत्नी सहित मार डाला।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…