पंजाब जल रहा है लेकिन नीरो गुजरात, हिमाचल प्रदेश में बांसुरी बजा रहे हैं : जाखड़…
चंडीगढ़,। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुनील जाखड़ ने आज कोटकपुरा में एक डेयरी की दुकान के बाहर प्रदीप शर्मा की हत्या की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और खतरे की घंटी करार देते हुए कहा है कि पंजाब जल रहा है लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, जिनके पास गृह विभाग भी है, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार को प्राथमिकता दे रहे हैं।
उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि अमृतसर में शिव सेना नेता सुधीर सूरी की सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में हत्या के बाद कोटकपुरा कांड ने पंजाब की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि श्री मान ऐसी घटनाओं के बावजूद गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार को प्राथमिकता देकर उस कहावत को सार्थक कर रहे हैं जिसमें कहा जाता है कि जब रोम जल रहा था तो नीरो जंगल में बांसुरी बजा रहा था।
श्री जाखड़ ने कहा कि 1980 के दशक में जब पंजाब को तोड़ने और सांप्रदायिक भाईचारे को खंडित करने की साजिश रची गई तो 25000 लोगों ने कुर्बानियां देकर उसे तब नाकाम किया, जब पुलिस प्रशासन को यह यकीन हो गया कि वह राजनीतिक दखलअंदाजी से मुक्त होकर अपना कर्तव्य निभाने में सक्षम है। कमोबेश अब भी कहीं वैसी ही स्थिति न पैदा हो जाये क्योंकि हालात पर नजर रखने वाले लोगों का मानना है कि पुलिस हतोत्साहित महसूस कर रही है। उसे सरकार पर भरोसा नहीं कि वह असमाजिक तत्वों के दमन की स्थिति में पुलिस का साथ देगी या नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा महसूस किया जा रहा है कि पंजाब में गैंगस्टरों की समानान्तर सरकार चल रही है। हर हत्या की जिम्मेवारी कुछ ही मिनटों में देश विरोधी तत्व ले रहे हैं। मिठाइयां भी बांटी जाती हैं। जेलों से नशीले पदार्थ और मोबाइल फोन बरामद होने का सिलसिला जारी है। इससे लगता है कि पंजाब सरकार कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से नाकाम है।
श्री जाखड़ ने कहा कि जिस दिन श्री सूरी की हत्या हुई उसी शाम अमृतसर में शराब माफिया द्वारा एनआरआई के विवाह समारोह पर गोलीबारी संकेत करती है कि लोगों में पुलिस प्रशासन का भय नहीं रहा। बेअदबी कांड का जिक्र करते हुए श्री जाखड़ ने कहा कि बरगाड़ी में पक्का मोर्चा आम आदमी पार्टी सरकार के गठन के आठ माह बीत जाने के बाद भी कायम है। यदि आप सरकार ने समस्या का समाधान नहीं किया और बेअदबी के लिये जिम्मेवार लोग दंडित नहीं हुए तो इसका हश्र भी पिछली सरकारों जैसा होगा। उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि मुख्यमंत्री अपना नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य पहचानते हुए तुरंत प्रभावी कदम उठायें। दूसरे राज्यों में सफलता की चिंता छोड़कर पंजाब की सुध लें, जिसे फिर से आग की लपटों में धकेलने के मंसूबे बन रहे हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…