कांग्रेस ने गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ 22 सूत्री ‘आरोपपत्र’ जारी किया…

कांग्रेस ने गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ 22 सूत्री ‘आरोपपत्र’ जारी किया…

अहमदाबाद,। कांग्रेस की गुजरात इकाई ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले रविवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ 22 सूत्री ‘आरोप पत्र’ जारी करते हुए उस पर जनविरोधी होने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा के शासन में गुजरात के लोगों को ‘‘भूख, भय और अत्याचार’’ ही नसीब हुआ है।

विपक्षी दल कांग्रेस ने ‘आरोपपत्र’ में मोरबी पुल के ध्वस्त होने की घटना का प्रमुखता से उल्लेख किया है जिसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में 11 दोषियों की रिहाई और गुजरात दंगों के दौरान उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या को ‘‘असंवैधानिक’’ करार दिया गया है।

गुजरात विधानसभा का चुनाव दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी।

कांग्रेस ने जनता से अपील की कि ‘महात्मा गांधी और सरदार पटेल के गुजरात को फिर से गौरवान्वित’ करने के लिए उसे वोट देकर सत्ता में लाएं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरतसिंह सोलंकी ने एक पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘ऐसे समय में जब भाजपा जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने के लिए काम कर रही है, इन मुद्दों पर उनका ध्यान आकर्षित करने के वास्ते यह आरोप पत्र जारी किया गया है।’’

‘आरोपपत्र’ में यह भी दावा किया गया है कि मोरबी पुल त्रासदी भाजपा के भ्रष्टाचार का सीधा परिणाम है जहां लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। बिल्किस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए स्थापित नियमों और परंपरा की अनदेखी की।

इसमें यह भी दावा किया गया कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत को कुलाधिपति नियुक्त करने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित गुजरात विद्यापीठ पर ‘संदिग्ध तरीके’ से अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया।

इसमें भाजपा पर तंज करते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार की उपलब्धियों में सरकार समर्थक कुछ उद्योगपतियों को सरकारी खजाने की कीमत पर अमीर बनाना, राज्य की अर्थव्यवस्था चौपट करना, गरीबी में व्यापक बढ़ोतरी और आवश्यक चीजों की कीमतों में भारी वृद्धि शामिल हैं।

सोलंकी ने दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान गुजरात के सकल घरेलू विकास (जीडीपी) में 18-23 फीसदी की वृद्धि हुई थी, लेकिन राज्य में भाजपा शासन के दौरान 1.35 फीसदी ऋणात्मक विकास दर दर्ज की गई।

‘आरोपपत्र’ में दावा किया गया है कि गुजरात में भाजपा राज के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा करके स्वास्थ्य बजट में कमी की गई जिसके कारण कुपोषण बढ़ा है और विशेषज्ञों के 90 फीसदी पद रिक्त हैं।

इसमें यह भी दावा किया गया है कि गुजरात शैक्षणिक सूचकांक के लिहाज से अन्य राज्यों के मुकाबले पीछे है।

गुजरात में कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले पांच सालों में प्रश्नपत्र लीक होने के 22 मामले सामने आये हैं। मैं युवाओं से अपील करना चाहूंगा कि जब वे मतदान करने जायें तो याद रखें कि भाजपा सरकार ने उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।’’

कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा शासन के दौरान किसानों को ठगा गया और उन्हें सबसे कम कृषि मजदूरी, कम न्यनतम समर्थन मूल्य और कर्ज का भारी बोझ मिला।

इसमें यह भी दावा किया कि वर्ष 2021 में राज्य में कृषि क्षेत्र से जुड़े नौ दिहाड़ी श्रमिकों ने प्रतिदिन आत्महत्या की।

आरोपपत्र में भ्रष्ट पूंजीवाद, घोटालों, तेजी से फैलते भ्रष्टाचार, बिजली आपूर्ति, जनजातीय कल्याण की उपेक्षा, दलितों में सुरक्षा का आभाव, श्रमिकों का शोषण, पंचायती राज प्रणाली के ध्वस्त होने और सरकारी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार समेत अन्य मुद्दों को उठाया गया।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…