एम्स में विभागाध्यक्षों के बदलाव को लेकर कवायद तेज…
नई दिल्ली,। एम्स दिल्ली में कई डॉक्टर तीन-तीन विभाग संभाल रहे हैं। कामकाज प्रभावित होने की वजह से अब इसमें बदलाव हो सकता है। इसके अलावा रोटेशन सिस्टम लागू करने की कवायद भी तेज हो गई है। एम्स में रोटेशन सिस्टम लागू करने के लिए दो महीने पहले गठित हुई छह सदस्यीय कमेटी की एक बैठक हो चुकी है। जल्द ही दूसरी बैठक हो सकती है।
कमेटी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि कमेटी अन्य चिकित्सा संस्थानों में इसे लेकर प्रतिक्रिया ले रही है। यह जानने की कोशिश कर रही है कि जिन चिकित्सा संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में विभागाध्यक्षों की नियुक्ति में रोटेशन सिस्टम पहले से है, वहां किस तरह का फायदा या नुकसान है। कमेटी यह भी आकलन करेगी कि रोटेशन सिस्टम को किस तरह लागू किया जाए। एम्स में चर्चा है कि कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद विभागाध्यक्षों की नियुक्ति में रोटेशन सिस्टम लागू हो सकता है।
केंद्र सरकार के सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में 62 वर्ष पूरा होने के बाद कोई डॉक्टर विभागाध्यक्ष या प्रशासनिक पद पर नहीं रहते। दिल्ली सरकार के लोकनायक अस्पताल में भी रोटेशन सिस्टम लागू है, लेकिन एम्स में यह व्यवस्था नहीं है। एम्स में कई डाक्टर तीन-तीन विभागों में विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इससे संबंधित विभागों का कामकाज प्रभावित होता है। एम्स में डाक्टरों का एक वर्ग लंबे समय से रोटेशन सिस्टम लागू करने की मांग कर रहा है। इस साल जून में इसे लागू करने पर चर्चा होने के बाद कमेटी गठित की गई थी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट..