हाई-प्रोफाइल जाॅब बना कम्प्यूटर नेटवर्किंग…

हाई-प्रोफाइल जाॅब बना कम्प्यूटर नेटवर्किंग…

टेक्नोलॉजी ने हर किसी की जीवनशैली बदल दी है। आज दुनिया भर की सूचनाएं माउस के सिर्फ एक क्लिक पर मिलना संभव हो गया है। मगर इसके पीछे कम्प्यूटर नेटवर्किंग की बहुत बड़ी भूमिका है। इसीलिए यह फील्ड आज एक हाई-प्रोफाइल जॉब का रूप ले चुकी है। इसके जानकार माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी, इंटेल कॉरपोरेशन, एसर, डेल जैसी कंपनियों की रीढ़ हैं, तो तमाम कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए ट्रबलशूटर बने हुए हैं। हैकिंग के बढ़ते खतरे ने कम्प्यूटर नेटवर्किंग के पेशे की मांग और बढ़ा दी है।

क्या है कम्प्यूटर नेटवर्किंग?
कम्प्यूटर्स को आपस में जोड़ने का एक माध्यम है नेटवर्किंग। इससे कनेक्ट हुए बगैर दो कम्प्यूटर आपस में कुछ भी शेयर नहीं कर सकते। इंटरनेट को हम नेटवर्किंग के रूप में ही देख सकते हैं क्योंकि इसमें भी हजारों कम्प्यूटर नेटवर्क काम करते हैं। आज बात चाहे घर बैठे कम्प्यूटर से बैंकों में लेनदेन की हो या रिश्तेदारों-दोस्तों से चैटिंग या फिर म्यूजिक-वीडियो गेमिंग, यह सब बिना नेटवर्किंग के संभव नहीं है। ईमेल भी नेटवर्किंग से ही संभव है। वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, वर्क फ्रॉम होम व हाई-फाई सीसी कैमरे नेटवर्किंग के नए स्वरूप हैं, जो दूर बैठे लोगों से बातचीत और बच्चों की देखभाल तक की सुविधा उपलब्धू करा रहे हैं। बड़ी-बड़ी कॉरपोरेट कंपनीज नेटवर्किंग की मदद से लाखों रुपए की बचत कर रही हैं। इतना ही नहीं, कम्प्यूटर नेटवर्किंग की वजह से शिपिंग और ट्रैवलिंग पर निर्भरता कम हुई है।

पर्सनल स्किल
तकनीक बहुत तेजी से बदलती है। जो आज नई तकनीक है, कुछ दिनों बाद पुरानी हो जाती है। नया वर्जन नए स्पेसिफिकेशन के साथ आ जाता है। इसलिए नेटवर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए जरूरी है कि वे कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी की नई-नई तकनीकों से अपडेट रहें। नए ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर का इस्तेमाल करना भी जानते हों। इस पेशे के लिए कम्युनिकेशन स्किल इसलिए जरूरी है क्योंकि यहां यूजर और कंपनी के अधिकारियों से बातचीत करते रहना पड़ता है। इसके अलावा प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी, एनालिटिकल थिंकिंग, टेक्निकल स्किल, टाइम मैनेजमेंट व टीम-वर्क जैसे गुणों के बूते करियर को आगे बढ़ाना आसान हो जाता है।

शैक्षणिक योग्यता
अधिकांश विश्वविद्यालय कम्प्यूटर नेटवर्किंग के लिए डिग्री प्रोग्राम ऑफर कर रहे हैं। ये डिग्री कोर्स कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल एंड कम्प्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन सिस्टम्स, कम्युनिकेशन साइंस, टेलीकम्युनिकेशंसध् टेलीकम्युनिकेशंस मैनेजमेंट, टेलीकम्प्यूटिंग आदि नामों से हैं। कुछ संस्थान सिर्फ नेटवर्किंग पर ही फोकस्ड शॉर्ट-टर्म प्रोग्राम चला रहे हैं, जहां से डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स किया जा सकता है। पहले ऐसे कोर्स के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं होती थी लेकिन अब 10वीं पास छात्र भी नेटवर्किंग का कोर्स कर सकते हैं। अगर बैचलर डिग्री हासिल करने के बाद कम्प्यूटर नेटवर्किंग से जुड़े कोर्स कर लेते हैं, तो आगे बढ़ने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।

वर्क प्रोफाइल
इस फील्ड में जॉब्स के मौके बहुत हैं। ए-सेट, दिल्ली के डायरेक्टर उदय वैश्य के अनुसार, नेटवर्किंग में दक्ष लोग आईटी या नेटवर्किंग कंपनीज में सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर, सिस्टम इंजीनियर, टेक्निकल इंजीनियर, कम्प्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर, नेटवर्क इंजीनियर, टेक्निकल सपोर्ट, हैल्प डेस्क टेक्निशियन, नेटवर्क सपोर्ट टेक्निशियन, आईटी टेक्निशियन या एडमिनिस्ट्रेटर, फील्ड सर्विस टेक्निशियन, सिक्योरिटी डाटाबेस डेवलपमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन, इंटरनेट स्पेशलिस्ट जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।

नेटवर्कध् सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर: इस पद पर कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स का कार्यक्षेत्र काफी व्यापक होता है। वैसे तो ये कंपनी नेटवर्क के एनालिसिस, इंस्टॉलेशन एंड कंफिगरेशन का ही दायित्व निभाते हैं लेकिन नेटवर्क परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग, ट्रबलशूटिंग और नेटवर्क स्क्रूटनी की जिम्मेदारी भी इनकी ही होती है। ऑपरेटिंग सिस्टम, नेटवर्क एडॉप्टर तथा रूटर्स, स्विचेज, फायरबॉल्स का कंफिगरेशन, थर्ड पार्टी टूल का असेसमेंट भी इनके वर्क प्रोफाइल का ही हिस्सा है।

नेटवर्क (सिस्टम) इंजीनियर: यह जॉब कमोबेश नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर के जैसा ही है। कई बार कुछ कंपनीज सिर्फ अलग जॉब टाइटल इस्तेमाल करती हैं लेकिन फर्म्स में एडमिनिस्ट्रेटर डे-टू-डे नेटवर्क मैनेजमेंट का काम देखते हैं, जबकि इंजीनियर सिस्टम अपग्रेडेशन, वेंडर प्रोडक्ट व सिक्योरिटी टेस्टिंग के आकलन आदि का काम भी करते हैं।

नेटवर्क प्रोग्रामरध् एनालिस्ट: सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या स्क्रिप्ट लिखने का काम इन्हीं प्रोफेशनल्स के जिम्मे होता है। यही प्रोग्राम बाद में नेटवर्क एनालिसिस में इस्तेमाल होता है। ऐसे प्रोफेशनल थर्ड पार्टी प्रोडक्ट के आकलन के अलावा, नेटवर्क एन्वायर्नमेंट को नई सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से अपग्रेड करने की जिम्मेदारी भी निभाते हैं।

नेटवर्कध् इंफॉर्मेशन सिस्टम मैनेजर: यह जॉब सुपरविजन से जुड़ा है। एडमिनिस्ट्रेटर, इंजीनियर, टेक्निशियन और प्रोग्रामर के काम की देखरेख के अलावा मैनेजर प्लानिंग व स्ट्रैटेजी पर भी काम करते हैं।

नेटवर्किंग इंस्ट्रक्टर: कम्प्यूटर नेटवर्किंग का इस्तेमाल बढ़ने से इंस्ट्रक्टर की मांग भी बढ़ी है। ऐसे लोगों के लिए जरूरी नहीं है कि उन्होंने संस्थानों में पढ़ाने के लिए कम्प्यूटर नेटवर्किंग में डॉक्टरेट की हो। नेटवर्किंग में उनकी गहरी समझ ही काफी है। हालांकि कॉलेजों में डिग्री कोर्स के अध्यापन के लिए पीजी योग्यता को महत्व दिया जाता है।

नेटवर्क (सर्विस) टेक्निशियन: आम तौर पर ऐसे प्रोफेशनल हार्डवेयरध् सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट के सेटअप, ट्रबलशूटिंग और रिपेयर से जुड़ा काम करते हैं। सर्विस टेक्निशियन को अपनी ड्यूटी के सिलसिले में ग्राहक के पास भी आना-जाना पड़ता है। कई फर्म्स में तो टेक्निशियन, इंजीनियर और एडमिनिस्ट्रेटर के कामकाज में कोई खास अंतर ही नहीं होता है। सभी तरह के काम ये प्रोफेशनल्स करते हैं।

बढ़ रही है मांग:- करीब एक दशक पहले तक देश में कम्प्यूटर नेटवर्किंग करियर के बारे में उतनी जागरूकता नहीं थी। मगर इन दिनों जॉब मार्केट में आईटी और कम्प्यूटर नेटवर्किंग की खूब मांग है। इसकी वजह भी है। आज हर किसी के पास डेस्कटॉप कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल और इंटरनेट है। लगभग हर निजी और सरकारी कंपनी में कामकाज कम्प्यूटर पर ही हो रहा है। इसलिए नेटवर्किंग प्रोफेशनल के लिए अवसरों की कमी नहीं है। शिक्षा, फिल्म, बैंक, मीडिया, एनिमेशन, हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनीज और मनोरंजन सेक्टर में ऐसे लोग जॉब पा सकते हैं। कॉल सेंटर, बीपीओ, सॉफ्टवेयर कंपनीज, टेलीकॉम कंपनीज और सिस्टम डिजाइन कंपनीज में भी नेटवर्किंग के जानकारों के लिए नौकरी के खूब मौके हैं।

सैलरी पैकेज:- नेटवर्किंग फील्ड के प्रोफेशनल्स की सैलरी अलग-अलग संस्थानों पर निर्भर करती है। कई बार सैलरी के निर्धारण में लोकल मार्केट, व्यक्तिगत अनुभव और स्किल को भी तवज्जो दी जाती है। फिर भी, शुरूआत में ऐसे क्वॉलिफाइड लोगों को 20 से 25 हजार रुपए मासिक सैलरी आसानी से मिल जाती है। डिप्लोमा फ्रेशर्स को भी शुरूआत में 12 से 15 हजार रुपए मासिक आसानी से मिल जाते हैं। भविष्य में अनुभव के साथ यह सैलरी पैकेज पदों के अनुसार बढ़ता चला जाता है।

प्रमुख संस्थान…

-दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

-इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

-जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली

-आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, आंध्र प्रदेश

-स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा

-ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, चेन्नटई

-ए-सेट, दिल्ली

-स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…