उद्धव एवं शिंदे खेमों ने निर्वाचन आयोग को वैकल्पिक चिह्न और नाम सुझाए ; शीघ्र मंजूरी की संभावना…
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे नीत खेमों ने निर्वाचन आयोग को अपनी पसंद के तीन-तीन वैकल्पिक चिह्न और नाम औपचारिक रूप से सौंप दिए हैं।
आयोग ने शनिवार रात पार्टी का ‘धनुष-बाण’ चिह्न पर रोक लगा दी थी और दोनों खेमों को वैकल्पिक चिह्न और पार्टी नाम का सुझाव देने को कहा था।
आयोग के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि वैकल्पिक चिह्न और नाम दोनों खेमों ने सौंप दिए हैं।
निर्वाचन आयोग अब यह पड़ताल करेगा कि इन चिह्नों का इस्तेमाल कोई अन्य पार्टी तो नहीं कर रही है। आयोग यह भी जांच करेगा कि इन चिह्नों के इस्तेमाल पर कहीं उसने रोक तो नहीं लगा रखी है।
निर्वाचन आयोग के एक पूर्व पदाधिकारी ने कहा, ‘‘चिह्न आवंटित करना आयोग का विशेषाधिकार है। इस तरह के मामलों में, यह (आयोग) ऐसा चिह्न आवंटित कर सकता है जो राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के पास उपलब्ध स्वतंत्र चिह्नों की सूची में शामिल नहीं है।’’
शनिवार को, आयोग ने शिवसेना के दोनों खेमों को तीन नवंबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
पार्टी पर नियंत्रण के लिए प्रतिद्वंद्वी खेमों के दावे को लेकर एक अंतरिम आदेश में आयोग ने उन दोनों से सोमवार तक अपनी पसंद के तीन अलग-अलग नाम और चिह्न बताने को कहा था।
रविवार को, ठाकरे ने आयोग से उपचुनाव से पहले बगैर देर किए तीन चिह्नों–त्रिशूल,मशाल और उगते सूरज–में से एक चिह्न और नाम आवंटित करने का अनुरोध किया था।
ठाकरे खेमा यह उपचुनाव लड़ रहा है। शिंदे खेमे की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने भी यह उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।
नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 14 अक्टूबर है, ऐसे में दोनों खेमों के वैकल्पिक चिह्न और नामों पर आयोग के शीघ्र फैसला करने की संभावना है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…