बेटे को उठाकर ले जाने लगा बाघ, अपनी जान जोखिम में डालकर जबड़े से खींच लाई मां…
उमरिया, 05 सितंबर। मध्य प्रदेश के एक गांव की 25 वर्षीय महिला जान की परवाह किए बिना बाघ से भिड़ गई और उसने अपने 15 माह के बच्चे को उसके कब्जे से मुक्त करा लिया। यह घटना रविवार सुबह उमरिया जिले में बांधवगढ़ बाघ अभयारण्य के माला बीट के तहत रोहनिया गांव में हुई।
जिला अधिकारियों ने बताया कि बाघ का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। घटना के अनुसार अर्चना चौधरी नामक महिला अपने बेटे रविराज को शौच कराने के लिए खेत में ले गई थी,तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया और बच्चे को जबड़े से पकड़ लिया,इस पर महिला ने अपने बेटे को बचाने की कोशिश की तो बाघ ने उस पर भी हमला कर दिया।
महिला ने बताया कि वह अपने बच्चे को बचाने के लिए लगातार प्रयास करती रही। इस दौरान उसने शोर मचाया तो कुछ ग्रामीण वहां पहुंच गए। ग्रामीणों ने जब बाघ का पीछा किया तो वह बच्चे को छोड़कर जंगल में भाग गया। महिला के पति भोला प्रसाद ने कहा कि उनकी पत्नी को कमर, हाथ और पीठ पर चोटें आई हैं वहीं बेटे के सिर और पीठ में चोट लगी है।
वनरक्षक राम सिंह मार्को ने कहा कि महिला और उसके बेटे को तुरंत मानपुर के स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उमरिया के जिला अस्पताल भेजा गया। उन्होंने कहा कि वन विभाग का एक दल बाघ का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
उमरिया के जिलाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल में महिला और उसके बेटे से मुलाकात की। दोनों को उपचार के लिए जबलपुर के एक अस्पताल में रेफर किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि वन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों से साथ बैठक की जाएगी।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…