सीआईएल ने चार साल में कीमतें नहीं बढ़ाईं, बीसीसीएल, सीएसपीडीआई को सूचीबद्ध करने की योजना: चेयरमैन…
कोलकाता, 30 अगस्त। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मंगलवार को कहा कि उसने पिछले चार वर्षों में कोयले की कीमतों में कोई इजाफा नहीं किया है और अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में बेहद प्रतिस्पर्धी कीमत पर आपूर्ति सुनिश्चित की है।
सीआईएल के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कंपनी की 48वीं आम सभा (एजीएम) में शेयरधारकों से कहा कि वह उत्पादन और आपूर्ति को अनिवार्य स्तर तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि देश को ‘‘उचित’’ कीमत पर बिजली मिले। देश में कोयले की कुल आपूर्ति का 80 प्रतिशत कोल इंडिया उपलब्ध कराती है।
उन्होंने यह भी कहा कि सीआईएल की अपनी अनुषंगी कंपनियों भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और केंद्रीय खान योजना एवं डिजाइन संस्थान (सीएमपीडीआई) को सूचीबद्ध करने की योजना है। उन्होंने हालांकि कहा कि इन कंपनियों को अलग करने का कोई सवाल ही नहीं है। सीआईएल की कुल आठ अनुषंगी कंपनियां हैं।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘ऐसे वक्त में जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतें बहुत अधिक हैं, कोल इंडिया भारतीय उपभोक्ताओं को अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर कोयले की आपूर्ति कर रही है, और पिछले चार वर्षों में कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।’’
सीआईएल प्रमुख ने इससे पहले कहा था कि कंपनी परिचालन लागत में बढ़ोतरी के मद्देनजर कोयले की कीमतों में संशोधन पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है। उन्होंने एजीएम में कहा कि मौजूदा इस्तेमाल के तरीके के आधार पर भारत के बिजली उत्पादन में कोयले की भूमिका बनी रहेगी।
हालांकि, उन्होंने पर्यावरण के नजरिये से नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सरकार के प्रोत्साहन और सीओपी-26 में भारत द्वारा की गई जलवायु प्रतिबद्धताओं का स्वागत किया। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में कीमतों में वृद्धि के लिए सभी हितधारकों को सहमत करना मुश्किल है।
बीसीसीएल और सीएमपीडीआई को सूचीबद्ध करने की योजना पर उन्होंने कहा कि उन्हें अलग करने का सवाल ही नहीं उठता। अग्रवाल ने कहा, ‘‘उनके शेयरों का एक हिस्सा सूचीबद्ध हो सकता है। हम उस पर काम कर रहे हैं। सभी मंजूरियां ली जा रही हैं।’’ कंपनी ने इससे पहले संकेत दिया था कि बीसीसीएल और सीएमपीडीआई में 25 प्रतिशत तक विनिवेश किया जा सकता है।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…