मृत व्यक्ति के खाते से लाखों रुपये निकालने वाले आरोपियों के खिलाफ कब होगी कार्रवाई…

मृत व्यक्ति के खाते से लाखों रुपये निकालने वाले आरोपियों के खिलाफ कब होगी कार्रवाई…

बैंक अधिकारी और बाजारखाला पुलिस धोखाधड़ी करने वालों को बचाने में जुटी…

आरबीआई महाप्रबंधक व पुलिस आयुक्त से की गई शिकायत, जांच की मांग…

लखनऊ। मृत व्यक्ति के बैंक खाते को चालू रखकर उक्त खाते से धोखाधड़ी कर लाखों रुपए निकालने वाले नामजद आरोपी रिश्तेदारों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न कर उन्हे बचाए जाने के मामले में पुलिस कमिश्नर से बाजारखाला पुलिस की शिकायत की गई हैं। वहीं करीब 5 लाख रुपए की इस धोखाधड़ी के मामले में बैंक कर्मियों की मिलीभगत होने की रिजर्ब बैंक से भी शिकायत की जा चुकी है परंतु संदेह के घेरे में आए बैंक कर्मियों के खिलाफ भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
बाजारखाला थानान्तर्गत ऐशबाग एलडीए कालोनी, एमआईजी 11 में रहने वालीं करामत गर्ल्स पीजी कालेज की सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य डा. जलीस फातिमा की ओर से बाजारखाला थाने में 3 जनवरी 2022 को महमूदनगर-लखनऊ निवासी खुर्शीद हारून व उनकी पत्नी जेबा अलीम एवं बाराबंकी की सलमा तजीन, चमेली कालोनी नई बस्ती-बरेली की शाहीना सिद्दीकी तथा बाजारखाला निवासी दानिश के विरुद्ध आईपीसी की धारा 419/420 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में कहा गया कि रिश्तेदारों ने मृत व्यक्तियों के खातों को चालू रखते हुए 4 लाख 70 हजार रूपए का लेनदेन किया। मृतक के खाते से रूपए ही नहीं ट्रांसफर किए बल्कि आरोपितों ने ऑनलाइन पिज्जा भी मंगवाया। लेनदेन का सारा रिकार्ड बैंक के खातों में दर्ज है। इसके बाद भी बैंक के अधिकारी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। पीड़िता ने इस मामले में 6 दिसंबर 2021 को भारतीय रिजर्ब आरबीआई बैंक के लखनऊ स्थित महाप्रबंधक से भी लिखित शिकायत की थी।
पीड़िता डॉ. जलीस फातिमा शौकत पत्नी स्व. शौकत जमील सिद्दीकी की शिकायत है कि कु. सैय्यदा जमील का बीमारी के चले 2 सितम्बर 2021 को निधन हो गया था, उनका भारतीय स्टेट एवं सेन्ट्रल बैंक की विक्टोरिया स्ट्रीट, नख्खास में खाता है। सय्यदा जमील ने अपने बैंक के खाते के चेक हस्ताक्षर करके खर्च के लिए प्रार्थी को दिए थे, लेकिन चेकों को उन्होने कैश नहीं कराया था। प्रार्थी की एक दूसरी ननद की बेटी जेबा अलीम पुत्री अब्दुल अलीम पति खुर्शीद हारुन अक्सर स्व. सैय्यदा जमील को देखने आते थे। जीवित रहते ननद ने सेवा से खुश होकर प्रार्थी की ननद ने मो. परवेज पुत्र स्व. अब्दुल रहीम निवासी सराय हसनगंज व रुखसाना शकील पत्नी स्व. शकील अहमद निवासी मेंहदीगंज बाजारखाला की मौजूदगी में प्रार्थी व उसके बेटे जफर जमील से कहा कि मैं सम्पूर्ण सम्पत्ति व बैंक एकाउन्ट में जमा सारी रकम तुम लोगों के नाम करती हूँ। उनके निधन के बाद जब पीड़िता व उसके बेटे ने उन बैंक खातों के बारें में जानकारी ली तो पता चला कि भारतीय स्टेट बैंक के खाता से 23 अगस्त 2021 में चार लाख रूपए अब्दुल अलीम के खाते में जमा किए गए, जबकि उनका 17 मई 2021 को देहान्त हो चुका है। इसके बाद उन्होने ननद के खाता की जानकारी ली तो पता चला कि 70 हजार रूपए उनके दूसरे एकाउन्ट से 7 सितम्बर 2021 को स्व. सैय्यदा जमील के एसबीआई के खाते से 70 हजार रूपए सेन्ट्रल बैंक के खाते में ट्रांसफर किए गए और फिर दानिश के बैंक ऑफ बड़ौदा, लखनऊ के खाते में चेक द्वारा ट्रांसफर करा लिए गए। इस पूरी साजिश में कई लोगों की संलिप्तता बताई जा रही है।
पीड़िता डा. जलीस फातिमा की ओर से पुलिस आयुक्त को 24 अगस्त को भेजे गए प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि 3 जनवरी 2022 को आरोपियों के विरुद्ध दर्ज धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले में बाजारखाला पुलिस ने नामजद लोगों के विरुद्ध कोई कार्यवाही करने के बजाय उन्हे गुमराह कर सच्चाई व सही तथयो को छिपाकर आरोपियों को बचाने का काम किया जा रहा है। पुलिस कमिश्नर से मांग की गई है कि उक्त मामले की अपने स्तर से जांच करवाकर दोषियों को दण्डित किया जाए।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…