मुहर्रम जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर शहर में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध…
श्रीनगर। श्रीनगर शहर में मुहर्रम पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए हैं। इस दौरान एक स्थान पर लोगों को एकत्र होने और गुरु बाजार में बुचवाड़ा और अबी गुजर से जदीबल मार्गों की ओर मुहर्रम जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है।
अधिकारी ने बताया कि शिया समुदाय के लोगों के 10 दिन के शोक की अवधि के दौरान आठवें दिन मुहर्रम जुलूस निकालने से रोकने के लिए कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। श्रीनगर शहर के कई इलाकों में लोगों की आवाजाही और एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को भारी संख्या में तैनात किया गया है।
उन्होंने बताया कि जिन इलाकों में पाबंदियां हैं, वहां दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन नदारद रहा। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए गुरु बाजार में बुचवाड़ा और अबी गुजर से जदीबल मार्गों की ओर मुहर्रम से संबंधित जुलूस की अनुमति नहीं दी है।
पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि कानून व्यवस्था और अपने नागरिकों के व्यापक जनहित और सुरक्षा चिंता को ध्यान में रखना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।उन्होंने कहा कि मुहर्रम के दौरान हुई घटनाओं के संबंध में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टों और आंकड़ों के विश्लेषण पर यह स्पष्ट है कि न केवल शांति और कानून व्यवस्था का उल्लंघन हुआ है, जो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए खतरा है। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि मुहर्रम जुलूस निकालने के लिए वैकल्पिक मार्ग पहले से ही शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि उल्लंघन की स्थिति में सुरक्षा एजेंसियां कानून के तहत मामले का संज्ञान लेंगी।
उल्लेखनीय है कि मुहर्रम के आठवें दिन पारंपरिक मुहर्रम जुलूस कई क्षेत्रों से होकर गुजरता था लेकिन 1990 में उग्रवाद के प्रकोप के बाद से इसे प्रतिबंधित कर दिया गया।
हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…