मंकीपॉक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित करने पर फिर मंथन कर रहा डब्ल्यूएचओ…

मंकीपॉक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित करने पर फिर मंथन कर रहा डब्ल्यूएचओ…

लंदन,। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हफ्ते भर के अंदर बृहस्पतिवार को इस बात पर विचार करने के लिए दूसरी बैठक बुलायी है कि मंकीपॉक्स को वैश्विक संकट घोषित किया जाये या नहीं। इसके साथ ही कुछ वैज्ञानिकों ने कहा है कि अफ्रीका और विकसित देशों में संक्रमण फैलने के तरीकों में स्पष्ट अंतर होना किसी समन्वित प्रतिक्रिया को जटिल बना देगा।

अफ्रीकी अधिकारियों ने कहा कि वह पहले से ही महाद्वीप की महामारी को आपातकाल मान रहे हैं। लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और अन्य जगह मंकीपॉक्स के मामूली प्रकार की मौजूदगी पर आपातकाल की घोषणा करना गैर जरूरी है, भले ही वायरस पर नियंत्रण नहीं हो सके।

पश्चिमी और मध्य अफ्रीका के कई हिस्सों में मंकीपॉक्स दशकों से मौजूद है, जहां बीमार जंगली पशु यदा-कदा ग्रामीण लोगों को संक्रमित करते हैं। लेकिन यूरोप, उत्तर अमेरिका और अन्य जगहों पर कम से कम मई से समलैंगिक और बाइसेक्सुअल लोगों में यह बीमारी फैली है।

अमीर देशों में यह बीमारी यौन संबंध से फैलने की आशंका जताई गई, खासकर स्पेन और बेल्जियम स्थित दो रेव पार्टी से। कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ये और अन्य अंतर संभवतः गरीब और अमीर देशों के बीच मौजूदा चिकित्सा असमानताओं को गहरा कर सकते हैं।

दुनिया भर में अब लगभग मंकीपॉक्स के 15,000 मामले हैं जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और अन्य देशों ने लाखों टीके खरीदे हैं, जबकि अफ्रीका को एक भी टीका नहीं मिला है, जहां मंकीपॉक्स का अधिक गंभीर प्रकार पहले ही 70 से अधिक लोगों की जान ले चुका है।

ब्रिटेन के ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. पॉल हंटर ने कहा, ‘‘अमीर देशों से अभी तक मंकीपॉक्स से किसी मौत की सूचना नहीं मिली है। लेकिन अफ्रीका में जारी इसका प्रकोप यूरोप और उत्तरी अमेरिका में इसके प्रकोप से लगभग पूरी तरह अलग है।’’ हंटर पहले संक्रामक रोगों पर डब्ल्यूएचओ को सलाह दे चुके हैं।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने इस सप्ताह कहा कि अफ्रीका के बाहर मिले मंकीपॉक्स के 99 फीसदी मामले पुरुषों से जुड़े हैं, इसमें भी 98 फीसदी मरीज वे पुरुष हैं जिन्होंने किसी पुरुष से यौन संबंध बनाया।

हालांकि यह रोग किसी भी उस व्यक्ति को हो सकता है, जो मंकीपॉक्स से संक्रमित रोगी से निकट शारीरिक संपर्क में है। हंटर ने कहा, ‘‘बहुत सक्रिय समलैंगिक गिरोह में ऐसे पुरुष होते हैं, जो नहीं चाहते कि लोग यह जानें कि वे क्या कर रहे हैं, खुद उन्हें भी नहीं पता होता कि वे किसके साथ यौन संबंध बना रहे हैं।’’

कांगो इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल बायोमेडिकल रिसर्च में वैश्विक स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करने वाले एक विषाणु विशेषज्ञ डॉ. प्लासाइड मबाला ने कहा कि अफ्रीका और पश्चिम के रोगियों में ध्यान देने योग्य अंतर हैं। मबाला ने कहा, ‘‘हम यहां (कांगो में) मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में बहुत जल्दी, तीन से चार दिनों के बाद, घाव देखते हैं। लेकिन ब्रिटेन और अमेरिका सहित अन्य देशों में चिकित्सक कुछ संक्रमित लोगों में केवल एक या दो घाव देखते हैं, और ये घाव अक्सर जननांगों में होते हैं।’’

मबाला कहते हैं कि पश्चिम में इन स्पष्ट घावों के बिना लोग चुपचाप बीमारी फैला रहे हैं।

मबाला कहते हैं कि इस अंतर के कारण मंकीपॉक्स पर वैश्विक स्तर पर नियंत्रण के लिए एकल प्रतिक्रिया रणनीति को अपनाना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भिन्न-भिन्न देशों में अलग-अलग कदम उठाए जाने की जरूरत है। अमेरिका में मंकीपॉक्स के 2000 मामले मिल चुके हैं और सौ से अधिक लोग प्रतिदिन इससे संक्रमित हो रहे हैं।

ब्रिटेन में मंकीपॉक्स संक्रमण के इलाज में जुटे डॉ. हग एडलर ने कहा कि समलैंगिक लोगों के बाहर गंभीर संक्रमण के अधिक मामले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में संक्रमण हर दो हफ्ते में दो गुना हो रहा है।

एडलर ने सवाल किया कि क्या मंकीपॉक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित करने से इसके खिलाफ टीका उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना आपातकाल घोषित किये, जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…