जयपुर का सौंदर्यः जल महल!..

जयपुर का सौंदर्यः जल महल!..

जरा कल्पना कीजिए, दूर दराज में बसे फार्म हाउस की! कितना मनोरम दृश्य होगा ना? अब उस फार्म की जगह पानी की कल्पना कीजिए, एक झील की! इसी खूबसूरती को निहारने के लिए चले चलिए जयपुर के जल महल, मान सागर झील के बीचोबीच। आप वहां पाएंगे, एक महल जो बड़े से झील के बिल्कुल मध्य में स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि, यह महल जयपुर के राजाओं के लिए पक्षियों के शिकार का एक पिकनिक स्थल हुआ करता था।

जल महल, जो 250 सालों पहले स्थापित किया गया समय की कसौटी पर खड़ा उतरा है। पांच मंजिलों के इस महल के चार मंजिल झील के पानी में जलमग्न हो चुके हैं। यह असाधारण महल, तब की वास्तुकला की कुशलता का एक जीता जागता उदाहरण है। जल महल से, चारों तरफ अरावली पर्वत और नाहरगढ़ पहाड़ों से घिरा नजारा अत्युत्तम है। महाराजा सवाई प्रताप सिंग ने यह जल महल सन् 1778-1803 में बनवाया था। इस महल तक नौका की सैर द्वारा ही पहुंचा जा सकता है।

जल महल की संरचना

इस महल में मुगलों और राजपूतों के आर्किटेक्चरल स्टाइल के मिश्रण का इस्तेमाल, तब की शानो- शौकत को दर्शाता है। इसके छत पर बना बाग चिड़ियों की अलग अलग जातियों को निहारने के लिए उत्तम स्थान है। महल के पेचीदा नक्काशीदार कक्ष और गलियारे काफी लंबे चैड़े हैं। चारों ओर के अर्द्ध अष्टकोणीय छत्र दूर से ही साफ दिखाई पड़ते हैं। बड़े से झील के बीच अकेला खड़ा लाल बलुई का यह विशाल महल लोगों के मन में जिज्ञासा उत्पन्न करता है। रात्रि के समय जल महल में होने वाली विद्युतसज्जा इस महल को बड़े से आसमान में अकेले चमकते तारे की तरह प्रदर्शित करती है। असल में रात्रि के समय इस महल की अद्भुत संरचना को देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं होगा।

अब के समय में, इस महल में रहने की किसी को भी अनुमति नहीं है। समय से इस महल का नवीकरण और मरम्मत होता रहता है। 18वीं सदी में, महाराजा जय सिंघ द्वितीय ने इस कमजोर हो रहे महल में कुछ बदलाव किए थे जिससे की फिर से एक बार इस महल ने अपनी खोई हुई चमक दोबारा से प्राप्त कर ली जो अब तक बनी हुई है। मान सागर झील, धरभावती नदी में बनाए जा रहे बांध की वजह से बनाया गया एक कृत्रिम झील है। आज यह जयपुर में जैव विविधता का सबसे बड़ा स्थान और यात्रियों के यात्रा का मुख्य स्थान है।

इस महल के आस पास का आवास कई जातियों के पक्षियों के लिए उनका घर है। कितना हसीन और मनोरम होगा ना, इस शानदार महल से पक्षियों की चहचाहती आवाजों के बीच सूरज को इस झील में डूबते हुए देखना! जल महल पुराने जमाने में राजाओं का एक पिकनिक स्थल हुआ करता था जो अब हमारी धरोहरों में शामिल हो गया है। ऐसे महलों को बनाने में लगे कारीगरों की कारीगरी के ज्ञान से साफ पता चलता है कि हमारे भारत की प्रतिभा और तकनीक कितनी उच्चश्रेणी की है। अपने जयपुर की यात्रा में इस मनोरम सुंदरता, जल महल के दर्शन करना बिल्कुल भी ना भूलें।

हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट…