तीन चौथाई इक्विटी फंडों का एक वर्षीय प्रतिफल कमजोर…

तीन चौथाई इक्विटी फंडों का एक वर्षीय प्रतिफल कमजोर…

मुंबई, 25 जून। पिछले कुछ वर्षों में शानदार प्रतिफल देने वाले इक्विटी फंडों को बाजार में ताजा गिरावट के बीच उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ रहा है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़े से पता चलता है कि कुल 513 इक्विटी योजनाओं में से करीब 372 ने पिछले साल में कमजोर प्रतिफल दिया। पिछले साल करीब 14 योजनाओं ने 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई और इनमें से ज्यादातर फडों की अंतरराष्ट्रीय श्रेणी से जुड़ी हुई थीं।

अंतरराष्ट्रीय फंडों के अलावा, उतार-चढ़ाव वाले फंड स्मॉलकैप, इक्विटी लिंक्ड स्कीम (ईएलएसएस) और फार्मा श्रेणियों से शामिल हैं। औसत तौर पर, अंतरराष्ट्रीय फंडों ने पिछले साल में 17 प्रतिशत का नकारात्मक प्रतिफल दिया। फार्मा और बैंकिंग फंडों में 13 प्रतिशत और 6.78 प्रतिशत की कमजोरी आई। पिछले कुछ महीनों में, इक्विटी बाजारों में तरलता सख्ती की चिंताओं के बीच भारी गिरावट दर्ज की गई। बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों और केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि से निवेशकों में चिंता बढ़ी है।

एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट में मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) त्रिदीब भट्टाचार्य का कहना है, ‘2021 में इक्विटी प्रतिफल के मजबूत वर्ष के बाद, इक्विटी बाजार मौजूदा समय में समेकन की स्थिति में हैं। यह हमारे उस नजरिये के अनुरूप है जिसकी हमने उम्मीद की कि 2020 निवेशक नजरिये से निवेश वर्ष रहेगा, क्योंकि इक्विटी बाजार वैश्विक तौर पर ब्याज दर व्यवस्था में बदलाव, आपूर्ति शृंखला चुनौती केंद्रित मुद्रास्फीति और भूराजनीतिक समस्याओं के अनुरूप बदलाव महसूस कर रहे हैं।’

वर्ष 2020 में बीएसई का सेंसेक्स 15.75 प्रतिशत तक चढ़ा था। 2021 में इसमें करीब 22 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। पिछले तीन महीनों में यह सूचकांक 10.83 प्रतिशत नीचे आया है। बाजार कारोबारियों का कहना है कि निवेशकों को खरीदारी से बचना चाहिए और नुकसान में निवेश से नहीं निकलना चाहिए।

संपत्ति प्रबंधन कंपनी डेजर्व इन्वेस्टमेंट्स के सह-संस्थापक वैभव पोरवाल का कहना है, ‘काफी कुछ खराब होने के बाद निवेशकों के लिए ज्यादा साहसिक बनने के लिहाज से यह अच्छा समय नहीं है। उन्हें इसके बजाय इस अवसर का इस्तेमाल अपने पोर्टफोलियो साथ-सुथरे बनाने और निवेश के बेहतर प्रबंधन के लिए करना चाहिए। इसमें सफल होने के लिए, निवेशकों को दीर्घावधि निवेश अवधि, उपयुक्त विविधता औरअनुशासित प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए।’

दूसरी तरफ, अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम एक्सचेंज ट्रेडेड फंड रहे हैं, जिन्होंने पिछले साल में 23.28 प्रतिशत का प्रतिफल दिया, जिसके बाद केनरा रोबेको स्मॉलकैप फंड शामिल है जिसके प्रतिफल में 16.97 तक की तेजी आई।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…