अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पाकिस्तान के इस साल के बजट की करेगी समीक्षा…
इस्लामाबाद, 15 जून। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारी साल 2022-2023 के लिए तैयार पाकिस्तान के बजट की समीक्षा करेंगे, जिसके तहत कोष की तरफ से पाकिस्तान को दिए गए राहत पैकेज को फिर से शुरू करने के पहलुओं पर भी विचार किए जाने की संभावना है। ‘डान’ ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
पाकिस्तान ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4,700 अरब डॉलर का बजट पेश किया है, जिसमें राजकोषीय घाटे को कम करने के भी कई उपाय शामिल हैं। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उम्मीद है कि इन साधनों से रूके हुए बेलआउट पैकेज को फिर से शुरू करने के लिए आईएमएफ को मनाने में आसानी होगी। आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने दोहा में हुई बातचीत में कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी थी जैसे सब्सिडी हटाने, कर संग्रह में सुधार करने आदि।
बैठक में निम्न आर्य वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों ने सामाजिक सुरक्षा के प्रमुख बिंदुओं में से एक पर सहमति जताई, जिसमें गरीबों पर मितव्ययिता के उपाय के प्रभाव को कम करना भी शामिल रहा। आईएमएफ के अधिकारियों ने सहमति व्यक्त की कि निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं की सुरक्षा प्रदान करने के लिए बिजली क्षेत्र के लिए भी कुछ उपाय किए जाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बुरी तरह से कंगाल हो चुके पाकिस्तान का पावर सेक्टर का हाल भी बेहाल है। बिजली परियोजनाओं में चीन के बकाये का भुगतान कर पाने में भी पाकिस्तान असमर्थ रहा है। ऐसे में देश में बिजली भी महंगी हो गई, जिस कारण निम्न आय वर्ग वाले लोगों की सामाजिक सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा।
बजट में घोषित उपायों में तीन करोड़ रुपये की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों पर दो प्रतिशत अतिरिक्त कर, चोरी को रोककर कर संग्रह में 20 प्रतिशत की वृद्धि और तेल के लगातार बढ़ते आयात बिल पर अंकुश लगाने के लिए ईंधन की खपत को कम करना शामिल है।
इमरान सरकार और आईएमएफ ने छह बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल मूल्य के साथ 39 महीने की विस्तारित फंड सुविधा (जुलाई 2019 से सितंबर 2022) पर हस्ताक्षर किए थे। पिछली सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विफल रही और यह राहत पैकेज अधिकांश समय तक रुका रहा क्योंकि तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान नहीं किया गया था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…