शहबाज शरीफ से जुड़े धनशोधन मामले में एक और गवाह की मौत…
इस्लामाबाद, 10 जून। शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शहबाज के खिलाफ 16 अरब रुपये के धनशोधन मामले में एक और अहम गवाह की सऊदी अरब में मौत हो गई। उसकी मौत के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ने मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।
धनशोधन मामले से जुड़ा ये आरोपी व गवाह 2017 से सऊदी अरब में रह रहा था। संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने बताया कि सात जून को गवाह मकसूद अहमद की अज्ञात कारणों से मौत हो गई थी। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। फेडरल जांच एजेंसी के अनुसार, शरीफ पिता पुत्र के खिलाफ मामले में मकसूद अहम गवाह था। मामले की जांच करने वाली एजेंसी अब औपचारिक रूप से आरोपपत्र दाखिल करने के करीब है।
मकसूद के बैंक खातों का हुआ इस्तेमाल
विपक्षी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) ने आरोप लगाया कि शरीफ पिता पुत्र ने धन शोधन के लिए मकसूद और अपने अन्य कर्मचारियों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया। इन खातों में अरबों रुपये भेजे गए। जबकि इन कर्मचारियों की तनख्वाह मात्र कुछ हजार ही थी।
जांच एजेंसी के अधिकारी भी हो चुकी है मौत
इससे पहले फेडरल जांच एजेंसी (एफआईए) के जांचकर्ता मोहम्मद रिजवान की पिछले महीने मौत हो गयी थी। इमरान खान के अपदस्थ होने के बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन से ठीक पहले वह लंबी छुट्टी पर गए थे। रिजवान जांच एजेंसी के लाहौर के निदेशक थे । पीटीआई ने कहा कि रिजवान और मकसूद की मौत की स्वतंत्र जांच कराया जाना जरूरी है, जिससे उनकी मौत के कारणों का सही पता लग सके।
पूर्व मंत्री ने किया ट्वीट
पीटीआई नेता व पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि ये बेहद परेशान करने वाली खबर है। शरीफ पिता-पुत्र मामले की जांच कर रहे अधिकारी व गवाहों की अचानक मौत हो रही है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके बेटे को ‘सिसिलियन माफिया’ करार दिया है। हम इन दोनों मौत के मामले की जांच कराने की मांग करते हैं।
एफआईए के विशेष अभियोजक फारूक बाजवा ने कहा कि मकसूद की मौत से धन शोधन का मामला प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मकसूद संदिग्ध था गवाह नहीं। ज्ञात रहे कि शहबाज और उनके बेटे -हमजा और सुलेमान- इस मामले में मुख्य आरोपी हैं जबकि 14 अन्य मामले में सह आरोपी हैं। शहबाज और हमजा इस मामले में 11 जून तक अग्रिम जमानत पर हैं।
आखिर कौन था मकसूद
मकसूद, शहबाज के बेटे की शुगर मिल में चपरासी था, जिसे मकसूद छपरासी के नाम से जाना जाता है। इमरान खान अपने भाषणों में शहबाज शरीफ को घेरने के लिए मकसूद का जिक्र करते रहे हैं। एफआईए को उसके खाते में तीन अरब पाकिस्तानी रुपये मिले थे। पाकिस्तानी जांच एजेंसी ने जांच के दौरान कहा था कि सऊदी भागने से पहले 2017 में मकसूद मिल में 25 हजार का वेतन ले रहा था। उसके नाम से खोले गए तीन फर्जी खातों में अरबों पाकिस्तानी रुपये ट्रांसफर किए गए थे। जांच एजेंसी ने मकसूद को शरीफ परिवार के धनशोधन मामले में मुख्य आरोपी बताया था। इमरान खान की सरकार आने के बाद वो पाकिस्तान से चला गया था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…