हर मां के लिए खास अनुभव होता है ब्रेस्टफीडिंग…

हर मां के लिए खास अनुभव होता है ब्रेस्टफीडिंग…

ब्रेस्टफीडिंग हर मां के लिए खास अनुभव है। यह सुविधाजनक हो, इसके लिए जरूरी है सही नर्सिंगवेयर्स का चयन। नर्सिंग ड्रेसेज, स्लीपवेयर्स और लॉन्जरी के इस्तेमाल से रोजमर्रा के कामों के बीच बच्चे को फीड कराना भी आसान हो जाता है। इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रही हैं हम…

स्तनपान की प्रक्रिया के जरिये न सिर्फ शिशु को जरूरी पोषण मिलता है, बल्कि इससे उसकी अपनी मां के साथ बॉन्डिंग भी मजबूत होती है। ब्रेस्टफीडिंग के इस नायाब अवसर को सेलब्रेट करने के लिए जरूरी है कि मां के परिधान ऐसे हों जिनमें उसे आराम भी महसूस हो और जिन्हें पहन कर वह पब्लिक प्लेसेज में भी ब्रेस्टफीडिंग कराने में झिझक न महसूस करे। आईए इस बारे में कुछ जरूरी बातों के बारे में जानते हैं।

1.गहरे रंगों, घने प्रिंट्स और पैटन्र्स वाले परिधान पहनना ठीक रहता है। ऐसा करने से अगर कभी अतिरिक्त मिल्क प्रोडक्शन व लीकेज हो भी जाए तो कपडे पर गहरे निशान नहीं नजर आते।

2.स्तनपान कराने वाली स्त्रियां ट्रेंडी व कंफर्टेबल जैकेट्स, स्काव्र्स और शॉल्स की मदद से अपनी बॉडी को कवर कर सकती हैं ताकि वे प्राइवेसी के साथ ब्रेस्टफीड करा सकें और अगर कपडों पर कोई मिल्क स्टेंस लग गए हों तो उन्हें कवर कर सकें।

3.अगर मिल्क सिक्रीशन बहुत ज्यादा होता है तो आप ब्रेस्ट पैड्स का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। विशेष रूप से तब जब आपको किसी खास इवेंट में जाना हो। इन्हें ब्रा के अंदर इंसर्ट करने से अचानक मिल्क सिक्रीशन होने पर आपके कपडे खराब होने से बच जाएंगे। सिलिकॉन से बने ब्रेस्ट पैड्स सबसे ब्रीदेबल और कंफर्टेबल माने जाते हैं।

4.नर्सिंग पीरियड के दौरान टाइट फिटिंग ब्रा, टॉप और ब्लाउज न पहनें। ये अनकंफर्टेबल होते हैं, जिसकी वजह से इन्हें पहनने पर ब्रेस्ट्स पर दबाव पड सकता है। ऐसा होने पर निप्पल्स के सख्त हो जाने और ब्रेस्टपेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

5.सपोर्टिव नर्सिंग ब्रा सभी ब्रेस्टफीडिंग स्त्रियों के लिए अहम है। इस तरह की ब्रा बाजार में आसानी से उपलब्ध है। इस श्रेणी में अंडरवायर और नॉन अंडरवायर-दोनों प्रकार की ब्रा शामिल हैं। आप अपनी जरूरत और पसंद को देखते हुए खुद को सूट करती हुई नर्सिंग ब्रा का चयन कर सकती हैं। अंडरवायर ब्रा हालांकि थोडा असुविधाजनक होती हैं, लेकिन यह नॉन अंडरवायर ब्रा से बेहतर सपोर्ट देती हैं। इसे पहनने पर फीडिंग कराते समय आसानी रहती है।

6.किसी पब्लिक प्लेस में शिशु को स्तनपान कराने के लिए नर्सिंग टॉप सबसे ज्यादा कंफर्टेबल रहता है। इसमें दो लेयर होते हैं। अंदरूनी लेयर को ब्रेस्टफीडिंग के वक्त आसानी से ओपन किया जा सकता है। वहीं बाहरी लेयर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान आपकी बॉडी को कवर रखता है। पार्क, कॉफी शॉप, रेस्टोरेंट या डिपार्टमेंटल स्टोर जैसी जगहों पर जाने के लिए इस तरह के टॉप सबसे अधिक सुविधाजनक रहते हैं।

7.ब्रेस्टफीडिंग ड्रेसेज को पहन कर आप बेबी के साथ सोशल गैदरिंग्स में हिस्सा ले सकती हैं। इस तरह की ड्रेसेज में ईजी ओपनिंग्स और गैदरिंग्स होती हैं, जो आपके बॉडी शेप को कॉम्प्लिमेंट करती हैं। गहरे रंगों की ड्रेसेज का चयन करें।

8.रात में कई बार बेबी को फीड कराना सामान्य कपडों में असुविधाजनक होता है। इसलिए खास तौर से नर्सिंग मदर्स के लिए डिजाइन किए गए नर्सिंग स्लीपवेयर्स ही पहनें। इन्हें पहनने पर आप रात में किसी भी समय आसानी से बच्चे को फीड करा सकती हैं। इस सुविधा की मदद से आप रात को फीडिंग सेशंस के बीच में आराम से सो सकती हैं क्योंकि इनके गीले होने की आशंका भी कम होती है।

9.इन दिनों बेहतर ढंग से छुपी हुई ओपनिंग्स वाले नर्सिंगवेयर्स का चलन है। आधुनिक मांओं को परंपरागत हॉरिजॉन्टल ओपनिंग्स वाले नर्सिंगवेयर्स नहीं पसंद आ रहे हैं। वे ऐसे परिधान चुन रही हैं जिन्हें देख कर यह अंदाजा ना लगाया जा सके कि यह ब्रेस्टफीडिंग के लिए बनाया गया है। ऐसे परिधानों का चयन करने का सबसे बडा फायदा यह होता है कि फीडिंग बंद करने के बाद भी आप उनका इस्तेमाल जारी रख सकती हैं।

 

  1. हलके ऑर्गेनिक फैब्रिक्स से बने नर्सिंग वेयर्स का चयन करें। ये ब्रीदेबल, सॉफ्ट और बेहद आरामदायक होते हैं। सख्त फैब्रिक्स से बने परिधान न पहनें क्योंकि इससे आपको ही नहीं, आपके शिशु को भी स्तनपान करते समय असुविधा हो सकती है।

स्तनपान कराने के फायदे:- स्तनपान मां और शिशु दोनों के लिए गुणकारी है। जितने अधिक समय तक मां शिशु को स्तनपान कराती है, उतने ही अधिक समय तक उसका फायदा दोनों को मिलता है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार शिशु को कम से कम छह माह तक केवल मां का दूध पिलाना चाहिए। इसके बाद दो साल की उम्र तक मां के दूध के साथ कॉम्प्लिमेंट्री फूड आयटम्स देने चाहिए।

शिशु के लिए:-

-मजबूत इम्यून सिस्टम

-इन्फेक्शन और एलर्जिक बीमारियों की बेहद कम आशंका

-ओबेसिटी, बीपी, डायबिटीज और विशेष प्रकार के कैंसर आदि की बेहद कम आशंका

-बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास

-मां के साथ बेहतर बॉन्डिंग

-बेहतर व्यक्तित्व

मां के लिए:-

-कम समय में प्रेग्नेंसी वेट कम होना

-डिलिवरी के बाद कम से कम ब्लड लॉस

-ब्रेस्ट व ओवरियन जैसे विशेष कैंसर्स और डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव

-शिशु के साथ बेहतर बॉन्डिंग

-पोस्ट पार्टम डिप्रेशन से बचाव

इनका चयन न करें:-

-हलके रंगों के परिधान

-अत्यधिक टाइट परिधान

-जंपसूट, हाइनेक परिधान

-वन पीस ड्रेसेज जिनमें सामने की तरफ कोई ओपनिंग न हो

-ऐसे परिधान जिन्हें पहनना मुश्किल हो

-एंब्रॉयडर्ड परिधान

हेवी मेकअप से बचें:- लैक्टेकिंग मदर्स की स्किन में डिहाइड्रेशन की समस्या आम है। अकसर नमी की कमी होने से उनकी स्किन में पैचेज भी हो जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर की ऑयल सिक्रीटिंग ग्लैंड्स ओवरी और यूट्रस जैसे अंगों की हीलिंग में व्यस्त होती हैं। ऐसे में अकसर स्त्रियां त्वचा की अनदेखी करती हैं जो नुकसानदेह साबित होता है। इसलिए नर्सिंग मदर्स को हर दिन मॉयस्चराइजिंग एसपीएफ लोशन लगाना चाहिए। अगर वे घर से बाहर नहीं जा रही हैं, तब भी इसका इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि घर के अंदर भी अल्ट्रावॉयलेट किरणें त्वचा को प्रभावित करती हैं। रात को सोने से पहले नियमित रूप से नरिशिंग क्रीम लगानी चाहिए ताकि त्वचा को पोषण मिल सके। हर हफ्ते कम से कम आधा घंटा फेशियल के लिए निकालना चाहिए ताकि स्किन रिलैक्स हो सके और स्ट्रेस लेवेल कम हो सके। हेवी फेस मेकअप करने से बचना चाहिए क्योंकि शिशु स्तनपान के वक्त मां के एकदम करीब होता है और केमिकल कॉस्मेटिक्स के संपर्क में आने से उसे नुकसान हो सकता है।

ध्यान रहे…

-ब्रेस्टफीडिंग के वक्त शिशु मां के शरीर के बेहद करीब होता है। इसलिए नर्सिंग मदर्स को नुकीली ज्यूलरी पहनने से बचना चाहिए। लंबे डैंगलर्स, मटैलिक या ग्लास बैंगल्स, रिंग्स और नेकलेस आदि पहनने से भी बचना चाहिए क्योंकि शिशुओं की आदत होती है कि वे ज्यूलरी को पकड कर खींचते हैं। ऐसे में इस तरह की ज्यूलरी पहनने पर उन्हें चोट लग सकती है। इसके अलावा, ज्यूलरी के जरिये बैक्टीरिया और वाइरस आपके बच्चे को संक्रमित कर सकते हैं।

-बच्चे को हाथ लगाने से पहले अपने हाथों को एंटीबैक्टीरियल साबुन से साफ करें।

-अगर आप बच्चे के पास हैं और आपको अचानक छींक या खांसी आ जाती है, तो अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लें और मुंह और नाक टिशु पेपर की मदद से ढंक लें।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…