इटली ने रूस से यूक्रेन का अनाज जारी करने को कहा…
रोम, 08 जून। इटली ने मांग की है कि रूस वैश्विक खाद्य संकट को कम करने के लिए यूक्रेन के भंडारों से अनाज जारी करे।
इटली का कहना है कि यूक्रेन के बंदरगाहों की निरंतर नाकेबंदी ‘‘युद्ध के मैदान से दूर लाखों बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को मौत की सजा देने के समान है।’’
इटली के विदेश मंत्री लुइगी डि माओ ने बुधवार को यहां एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि विकासशील देशों में खाद्य असुरक्षा बढ़ने से राजनीतिक अस्थिरता पैदा होगी।
अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई देश, जिनमें सोमालिया, ट्यूनीशिया, लीबिया और मिस्र शामिल हैं, अपना ज्यादातर अनाज यूक्रेन से आयात करते हैं।
यूक्रेन में युद्ध से पहले ही सूखे और ईंधन की ऊंची कीमतों ने कई विकासशील देशों के लिए खाद्य उपलब्धता को खतरे में डाल दिया था।
डि माओ ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि हम रूस से कुछ राहत मिलने की उम्मीद करते हैं क्योंकि गेहूं के निर्यात को अवरुद्ध करने का मतलब है बंधक बनाना और युद्ध के मैदान से दूर लाखों बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को मौत की सजा देना।’’
यूक्रेन दुनिया में गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, लेकिन युद्ध और इसके बंदरगाहों की रूसी नाकेबंदी के कारण इसका निर्यात बंद हो गया है, जिससे कई विकासशील देशों को खाद्य आपूर्ति खतरे में पड़ गई है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…