राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन खत्म…
इन तीन राज्यों में दिख रही कांटे की टक्कर…
राज्यसभा चुनाव 2022 के लिए नामांकन दाखिल हो चुके हैं।सभी पार्टियों ने तमाम चर्चाओं और बैठकों के बाद अपने उम्मीदवारों का नाम फाइनल किया।जिसके बाद अब 10 जून को वोटिंग होगी,हालांकि 3 जून तक उम्मीदवारी से नाम वापस लिया जा सकता है।कई राज्यों में राज्यसभा के लिए कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, वहीं हर बार की तरह इस बार भी तमाम दिग्गज चुनावी मैदान में हैं।आइए जानते हैं किन राज्यों में इस चुनाव के लिए क्या समीकरण बनते दिख रहे हैं।
राजस्थान में चंद्रा की एंट्री से बवाल
राजस्थान से राज्यसभा की चार सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए। लेकिन यहां हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सदस्य और मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा की ‘एंट्री’ से ट्विस्ट आ गया है। जिन्होंने भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के इस कदम को ‘खेल’ बताते हुए कहा कि क्या पार्टी खरीद-फरोख्त में शामिल होना चाहती है, इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे। सुभाष चंद्रा की एंट्री के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों को साधने की कोशिश जारी है।
राजस्थान में चार सीट के लिए कुल 6 उम्मीदवारों की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किया गया है।कांग्रेस की ओर से मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सिंह सुरजेवाला उम्मीदवार हैं।भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने नामांकन पत्र दाखिल किया,इससे पहले निर्दलीय उम्मीदवार मनोज कुमार जोशी ने नामांकन पत्र दाखिल किया था।बता दें कि राजस्थान की 200 सीट वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीट और भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है।दो सीट के बाद कांग्रेस के पास 26 पहली वरीयता के वोट और भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे, एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए।
हरियाणा में हो सकती है कड़ी टक्कर
राजस्थान के अलावा हरियाणा में भी राज्यसभा चुनाव के लिए कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। यहां से कार्तिकेय शर्मा ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया है,जिन्हें बीजेपी और उसकी सहयोगी जेजेपी का समर्थन हासिल है।हरियाणा में किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए 31 वोटों की जरूरत है।बीजेपी के पास 41 विधायक हैं और सहयोगी जेजेपी के 10 विधायकों का समर्थन भी हासिल है।बीजेपी की तरफ से पहले ही कृष्ण लाल पंवार नामांकन कर चुके थे, वहीं कांग्रेस ने अजय माकन को अपना उम्मीदवार बनाया है।
लेकिन दो सीटों पर होने वाला ये चुनाव रोचक तब हो गया, जब कांग्रेस के पूर्व नेता विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया, क्योंकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और जीत के लिए सभी का समर्थन जरूरी है, ऐसे में अगर एक भी विधायक छिटका तो राज्यसभा सीट सीधे कार्तिकेय शर्मा की झोली में गिरेगी,इसके लिए कांग्रेस वोटिंग होने तक विधायकों को राजस्थान या छत्तीसगढ़ भेज सकती है।
कर्नाटक में भी मुकाबला दिलचस्प
कर्नाटक में चार राज्यसभा सीटों के लिए वोट डाले जाने हैं, यहां से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक और कार्यकाल के लिए, जबकि अभिनेता से नेता बने जग्गेश राज्यसभा के लिए अपना पहला चुनाव लड़ रहे हैं।वहीं बीजेपी ने तीसरे उम्मीदवार के तौर पर निवर्तमान एमएलसी लहर सिंह सिरोया को उतारा है,वहीं जनता दल (सेक्युलर) से डी कुपेंद्र रेड्डी को उम्मीदवार बनाया गया है। उधर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और कर्नाटक प्रदेश महासचिव मंसूर अली खान को उम्मीदवार बनाया है।
अब दो सीटों पर बीजेपी आसानी से जीत दर्ज करती दिख रही है, वहीं एक सीट कांग्रेस निकाल लेगी।लेकिन चौथी सीट को लेकर कांटे की टक्कर है. चौथी सीट पर बीजेपी के लहर सिंह सिरोया, कांग्रेस के मंसूर अली खान और जेडीएस के कुपेंद्र रेड्डी के बीच टक्कर देखी जा सकती है।
राज्यसभा उम्मीदवारों में बड़े नामों की बात करें तो महाराष्ट्र से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, शिवसेना नेता संजय राउत, एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता शामिल हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…