व्यापारियों के द्वारा व्यापारियों के लिए चुनी गई व्यापारियों की सरकार…
व्यापारियों के हितों की अनदेखी क्यों कर रही है यह समझ से परे है…
महोदय 6 करोड़ 15 लाख के बजट में व्यापारियों के हिस्से में सिर्फ लगभग 4000 महिलाओं के लिए 20 करोड़ की राशि आवंटित की गई जो दुर्भाग्यपूर्ण है|
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की जनसंख्या लगभग 11 करोड़ है, अगर हम यह माने कि इस जनसंख्या का 10% महिलाएं भी महिलाएं ही व्यापार से जुड़ी हुई हैं तो उनकी संख्या 1 करोंड़ 10 लाख होती है , सरकार द्वारा एमएसएमई में महिलाओं के कौशल विकास के लिए 20 करोड़ की राशि दी गई है, 50,000 अगर एक महिला के कौशल विकास के लिए माना जाए तो सरकार द्वारा आवंटित की गई 20 करोड़ की राशि में सिर्फ 4000 महिलाओं का ही समायोजन हो सकता है, 11 लाख महिलाओं में से सिर्फ 4000 महिलाओं का समायोजन के लिए सरकार द्वारा दी गई यह राशि बहुत ही कम है यह 20 करोड़ की राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान प्रतीत हो रही है। सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
प्रदेश सरकार ने व्यापारियों द्वारा लंबे समय से ई-कॉमर्स नीति बनाने की मांग को अनदेखा किया है|
उत्तर प्रदेश सरकार ने बज़ट में व्यापारियों के लिए कुछ नहीं दिया |
बजट से पता चलता है कि व्यापारी सरकार के लिए सिर्फ आय का साधान है इससे ज्यादा सरकार की नज़र में व्यापारियों की कोई वैल्यू नहीं है, होती तो सरकार व्यापारियों के लिए भी बज़ट में कुछ रखती या व्यापारियों की लंबित मांगे मानती |
उत्तर प्रदेश सरकार व्यापारियों में एकजुटता ना होने का फायदा उठा रही, मौजूदा समय में किसी भी व्यापारिक संगठन में इतनी क्षमता नहीं कि व्यापारी हितों की नीतियां सरकार के द्वारा बनवा सके | व्यापारियों को व्यापारी हितों के लिए नए नेतृत्व की तरफ देखना होगा और नए नेतृत्व को तैयार करना होगा |
राजकुमार यादव
प्रदेश अध्यक्ष
सर्वहित व्यापार मंडल , उत्तर प्रदेश
9838448787, 7860448787
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…