अफगानिस्तान में मानवाधिकारों, महिला अधिकारों के हनन पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता…

अफगानिस्तान में मानवाधिकारों, महिला अधिकारों के हनन पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता…

संयुक्त राष्ट्र, 25 मई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने तालिबान से अपनी उन नीतियों को तुरंत बदलने का आह्वान किया है, जिनके तहत अफगान महिलाओं एवं लड़कियों के मानवाधिकारों एवं उनकी मौलिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष इकाई ने देश में अस्थिर स्थिति, विशेष रूप से वहां जारी आतंकवादी हमलों पर अपनी चिंता व्यक्त की।

अफगानिस्तान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने इस महीने की शुरुआत में महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर अपने चेहरे सहित पूरे शरीर को पारंपरिक बुर्के से ढकने का आदेश जारी किया। तालिबान ने अफगानी महिला टीवी प्रस्तोताओं और अन्य महिलाओं को ‘ऑन एयर’ होने (कार्यक्रम के प्रसारण) के दौरान अपना चेहरा ढकने का आदेश दिया है।

अफगानिस्तान पर अमेरिका की अध्यक्षता में जारी एक प्रेस वक्तव्य में 15 सदस्यीय परिषद ने अफगान महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों एवं उनकी मौलिक स्वतंत्रता के बढ़ते हनन पर चिंता व्यक्त की। यूएनएससी ने इस बात पर जोर दिया कि ये प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं और अफगान लोगों के प्रति व्यक्त की गईं तालिबान की प्रतिबद्धताओं के विपरीत हैं।

यूएनएसी के सदस्य देशों ने तालिबान द्वारा की गई इन घोषणाओं को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की कि सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर और मीडिया प्रसारण के दौरान अपने चेहरे को ढकना चाहिए, केवल बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाना चाहिए और इस निर्देश का उल्लंघन करने पर उनके पुरुष रिश्तेदार को दंड मिलेगा। यूएनएससी ने कई प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों को भंग करने के तालिबान के फैसले पर भी चिंता व्यक्त की।

सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा चुनौतियों तथा अफगान लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव सहित अफगानिस्तान में अस्थिर स्थिति पर चिंता जताई। उसने ‘‘अफगानिस्तान में नागरिकों, असैन्य बुनियादी ढांचे और धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाकर किए जाने वाले आतंकवादी हमलों तथा अवैध मादक पदार्थों की खेती, उत्पादन, व्यापार और तस्करी को लेकर विशेष रूप से गहरी चिंता व्यक्त की।’’

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…