कांग्रेस ‘बिग डैडी’ नहीं बनना चाहती, रीजनल पार्टी पर राहुल गांधी…

कांग्रेस ‘बिग डैडी’ नहीं बनना चाहती, रीजनल पार्टी पर राहुल गांधी…

लंदन/नई दिल्ली, 21 मई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी के चिंतन शिविर में रीजनल पार्टियों पर दिए गए बयान पर ब्रिटेन में सफाई दी है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस किसी भी तरह से अन्य विपक्षी दलों से ‘श्रेष्ठ’ नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां एक ही लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन जो वैचारिक लड़ाई हो रही है वह आरएसएस और और कांग्रेस के बीच नेशनल विजन के बीच है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में ‘आइडियाज फॉर इंडिया’ सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी, पीएम मोदी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि उदयपुर में क्षेत्रीय दलों को लेकर दिए गए उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।

कांग्रेस को विपक्षी साथियों से बनाना होगा तालमेल

राहुल ने कहा कि हमें विपक्ष में अपने साथियों के साथ तालमेल बनाना होगा। इसलिए मैं कांग्रेस को बिग डैडी के रूप में नहीं देखता। यह विपक्ष के साथ सामूहिक प्रयास है लेकिन यह भारत को फिर से हासिल करने की लड़ाई है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को एक ऐसी संगठनात्मक प्रणाली के बारे में सोचना होगा जो लोगों के एक बड़े जनसमूह के काफी करीब हो। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें बेरोजगारी, कीमतों, क्षेत्रीय मुद्दों जैसे मुद्दों पर बड़े पैमाने पर जन आंदोलनों के बारे में भी सोचना होगा।

राहुल के बयान पर भड़क गए थे क्षेत्रीय दल

दरअसल, राहुल ने उदयपुर में कहा था कि क्षेत्रीय दल बीजेपी और आरएसएस से नहीं लड़ सकते क्योंकि उनके पास विचारधारा का अभाव है। उन्होंने कहा था कि कांगेस यह लड़ाई लड़ सकती है। राहुल के इस बयान पर क्षेत्रीय दलों की अलग-अलग रिएक्शन भी आए थे। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य की क्षेत्रीय पार्टी JD-S के नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा था कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों से डर महसूस कर रही है। वहीं, आरजेडी प्रवक्ता व सांसद मनोज कुमार झा ने कहा था कि कांग्रेस को लोकसभा की 543 सीटों में से 320 में से अधिक पर क्षेत्रीय दलों के सदस्यों को देखते हुए कांग्रेस को उन दलों को तरजीह देनी चाहिए।

ध्रुवीकरण से बीजेपी जीत रही चुनाव

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के ध्रुवीकरण और मीडिया के दबदबे के कारण कांग्रेस चुनाव नहीं जीत पा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में लड़ाई एक राजनीतिक लड़ाई नहीं है, यह एक राजनीतिक संगठन और अन्य राजनीतिक दलों के एक समूह के बीच की लड़ाई नहीं है। उन्होंने कहा कि अब हम भारतीय राज्य के संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं, जिस पर एक संगठन कब्जा कर रहा है। राहुल ने कहा कि इसका मतलब हमारे लिए एकमात्र रास्ता है… हमें अपने देश के संस्थागत ढांचे से कोई राहत नहीं मिलेगी… भारत के लोगों का बड़ा जनसमूह। और यह सिर्फ कांग्रेस नहीं है, यह सभी विपक्षी दलों के लिए है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…