फलस्तीनी युवक के अंतिम संस्कार के बाद यरुशलम में हिंसा भड़की…
यरुशलम, 17 मई। इजराइली पुलिस ने सोमवार को एक फलस्तीनी युवक के अंतिम संस्कार के बाद पथराव कर रही फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियां चलाईं। पुलिस के साथ 22 अप्रैल को हुई हिंसक झड़प में घायल फलस्तीनी युवक वलीद शरीफ की शनिवार को मौत हो गई थी। यरुशलम के संवेदनशील धार्मिक स्थल पर पथराव कर रहे फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर इजराइली पुलिस ने रबर की गोलियां चलाई थीं, जिनकी चपेट में आने से शरीफ के सिर पर गंभीर चोट लगी थी। उसके अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए।
ओल्ड सिटी के बाहर एक कब्रिस्तान में शरीफ का पार्थिव शरीर ले जाने से पहले उसे अल अक्सा मस्जिद ले जाया गया था। इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने कहा, ‘‘अपनी आत्मा और खून से, हम तुम्हारी शहादत का बदला लेंगे।’’ कुछ लोगों के हाथ में फलस्तीनी झंडे भी दिखे।
इजराइली पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया, लाठियां चलाईं और आगजनी की। उन्होंने कुछ वीडियो भी जारी किए, जिसमें प्रदर्शनकारी कब्रिस्तान के पास पुलिस पर सामान फेंकते हुए और पास की एक सड़क पर पथराव करते हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और रबर की गोलियां चलानी पड़ी।
वहीं, ‘फलस्तीन रेड क्रेसेंट’ बचाव सेवा ने बताया कि रबर की गोलियां, हथ गोलों और मारपीट में 71 फलस्तीनी घायल हो गए। घायलों में से 13 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जिनमें से दो लोगों की आंख में चोट आई है। पुलिस के मुताबिक, हिंसा में उसके छह अधिकारी घायल हुए हैं। वहीं, 20 फलस्तीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है।
सोमवार की हिंसा से कुछ दिन पहले अल-जजीरा की पत्रकार शिरीन अबू अक्लेह का ताबूत ले जाने वाले लोगों की भी पुलिस ने कथित तौर पर पिटाई की थी। इस घटना की भी व्यापक स्तर पर निंदा की गई थी। उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन कस्बे में इजराइली सेना की कार्रवाई के दौरान हुई गोलीबारी में शिरीन की मौत हो गई थी। उस समय वह रिपोर्टिंग के लिए मौके पर मौजूद थीं।
गौरतलब है कि यरुशलम के संवेदनशील धार्मिक स्थल अल-अक्सा मस्जिद परिसर और उसके आसपास हाल ही में फलस्तीनियों के साथ इजराइल पुलिस की झड़प के बाद इजराइल-फलस्तीन के बीच तनाव बढ़ गया है। अल-अक्सा मस्जिद को इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। यह यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल भी है, जिसे समुदाय के लोग ‘टेंपल माउंट’ कहकर पुकारते हैं। अल-अक्सा मस्जिद इजराइल-फलस्तीन के बीच लंबे समय से विवाद का केंद्र रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…