अदालत का आदेश : ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी होगी वीडियोग्राफी…
नहीं बदले जाएंगे कोर्ट कमिश्नर…
वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 12 मई। वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी अर्जी नामंजूर कर दिया। साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया।
अदालत ने इसके साथ ही संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी सर्वे का काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मस्जिद का रखरखाव करने वाले लोगों ने कहा था कि मस्जिद के अंदर बने दो तहखानों पर ताला लगा हुआ है। इस पर अदालत ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी चाबी नहीं मिलती है तो ताले तोड़कर सर्वे का काम कराया जाए।
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय यादव ने भी अदालत के इस आदेश की पुष्टि की है। इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देने संबंधी कतिपय खबरों के बारे में उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से भ्रामक है और अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा चार अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना की अनुमति देने और परिसर में स्थित विभिन्न विग्रहों की सुरक्षा का आदेश देने के आग्रह संबंधी याचिका दाखिल की थी। इस पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को एक आदेश जारी कर ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वे कराकर 10 मई तक रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। अदालत ने इसके लिए अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था।
इससे पहले छह मई को अदालत द्वारा जारी आदेश के अनुपालन में मिश्रा की अगुवाई में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वे का काम शुरू किया गया था। मुस्लिम पक्ष ने मिश्रा पर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने संबंधी अर्जी अदालत में दी थी। इसके अलावा उसका यह भी कहना था कि अदालत ने 26 अप्रैल को सर्वे से संबंधित जो आदेश दिया है उसमें मस्जिद के अंदर सर्वे कराने की कोई बात नहीं कही गई थी, लिहाजा मस्जिद के अंदर ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।
इन दोनों ही मामलों पर बुधवार को दोनों पक्षों की सुनवाई मुकम्मल हुई थी, जिन पर अदालत ने आज फैसला सुना दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा और विशाल सिंह साथ मिलकर कार्रवाई को अंजाम देंगे और अगर इन दोनों में से कोई गैरहाजिर रहता है तो नियुक्त तीसरे व्यक्ति को जिम्मेदारी उठानी होगी। अदालत ने जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त तथा अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सर्वे के काम की निगरानी करें और अगर कोई उसमें बाधा उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करें। उन्होंने बताया कि अदालत ने निर्देश दिए हैं कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वे का काम रोजाना सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक कराया जाए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…