टाटा समूह की नजर गैर-खाद्य एफएमसीजी कारोबार पर…

टाटा समूह की नजर गैर-खाद्य एफएमसीजी कारोबार पर…

मुंबई, 07 मई। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स केवल फूड कारोबार तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि वह खुद को एक एफएमसीजी कंपनी के तौर पर स्थापित करेगी। साल 1990 में गैर-खाद्य एफएमसीजी कारोबार से बाहर होने के बाद कंपनी दोबारा इस क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रही है।

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सुनील डिसूजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘टाटा कंज्यूमर की स्थापना टाटा समूह की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी बनने के लिए की गई थी। इस ओर उठाया गया पहला कदम टाटा ग्लोबल और टाटा केमिकल्स के नमक एवं चाय कारोबार को टाटा कंज्यूमर के तहत लाना था।’ उन्होंने कहा, ‘आप हमेशा ताकत से निर्माण करेंगे और इसलिए हम फूड ऐंड बेवरिजेस में अपना एक दमदार पोर्टफोलियो तैयार करेंगे और उसके बाद व्यापक एफएमसीजी क्षेत्र की ओर रुख करेंगे।’

गैर-खाद्य क्षेत्र में टाटा समूह की यह दूसरी दस्तक है। टाटा समूह ने 1990 के दशक में टाटा ऑयल मिल्स कंपनी को हिंदुस्तान लीवर (अब हिंदुस्तान यूनिलीवर) को बेच दिया था जो साबुन, डिटर्जेंट, खाद्य तेल, ग्लिसरीन आदि का कारोबार करती थी। कंपनी के ब्रांड पोर्टफोलियो में हमाम, ओके और मोती जैसे लोकप्रिय ब्रांड शामिल थे। बाद में उसने पर्सनल केयर कारोबार लेकमे में अपनी हिस्सेदारी भी उसी कंपनी को बेच दिया।

कंपनी अब फूड ऐंड बेवरिजेस में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। डिसूजा ने कहा कि कंपनी जब किसी श्रेणी पर गौर करती है तो उसे एक रणनीतिक एवं वित्तीय प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और उस श्रेणी को व्यापक बनाने की भी आवश्यकता होती है। इसके अलावा कंपनी यह भी पता लगाती है कि उस क्षेत्र में बहुत सारे खिलाड़ी मौजूद हैं अथवा कम क्योंकि दोनों स्थ्थिति में समस्या हो सकती है।

डिसूजा ने कहा कि साथ ही कंपनी यह भी पता लगाएगी कि क्या उस श्रेणी में पर्याप्त मार्जिन है और उसमें कितने पूंजीगत खर्च की आवश्यकता होगी। टाटा कंज्यूमर उन श्रेणियों में काम करने के लिए आरऐंडडी और प्रौद्योगिकी का भी आकलन करेगी। साल 2019 में टाटा केमिकल्स और टाटा ग्लोबल बेवरिजेस के उपभोक्ता कारोबार को एकीकृत करते हुए टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का गठन किया गया था। टाटा कंज्यूमर के तहत टाटा साल्ट, टाटा टी, टाटा संपन्न और टेटले जैसे ब्रांडों को लाया गया था।

कंपनी अपना वितरण दायरा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उसने निवेशकों से बातचीत में कहा कि वह वित्त वर्ष 2023 तक 40 लाख आउटलेट तक पहुंचना चाहती है। इसके अलावा वह 15 लाख ग्राहकों तक अपनी सीधी पहुंच बनाना चाहती है। इसलिए कंपनी ग्रामीण एवं कस्बाई क्षेत्रों में अपना वितरण नेटवर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…