योगी ने मंत्रियों के लिए बनाए ऐसे कड़े नियम…

योगी ने मंत्रियों के लिए बनाए ऐसे कड़े नियम…

5,000 रुपये से ऊपर का मिला गिफ्ट तो जमा होगा सरकारी खजाने में…

लखनऊ, 28 अप्रैल। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। इसी के तहत मंत्रियों को हिदायत दी गई है। उनसे कहा गया है कि वह किसी भी तरह से महंगे गिफ्ट को स्वीकार न करें। जारी निर्देश में कहा गया है कि अगर कोई भी 5 हजार से महंगा गिफ्ट लेता है तो उसे सरकारी संपत्ति समझा जाएगा। इसी के साथ उसे सरकारी खजाने में जमा भी करवाया जाएगा। यही नहीं किसी संस्था से भी सम्मान लेने से पहले उसकी स्वीकृति लेना अनिवार्य होगी।

समारोह से पहले संगठन की कर लें जांच

मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी सम्मान समारोह में शामिल होने से पहले उसके बारे में जांच लें। यह तय कर लें कि उस संस्था या संगठन पर किसी भी तरह का आरोप न हो। यही नहीं विदेशी संस्थाओं से भी सम्मान लेने की अनुमति नहीं रहेगी। इसको लेकर भी जांच की जाएगी। आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से उठाए जा रहे इन कदमों को पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही के तौर पर देखा जा रहा है। कई बार यह देखने को मिलता है कि मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को कोई संस्थाएं महंगे तोहफों से सम्मानति करती है। लिहाजा अब सीएम ने अनुशासन की पाठशाला की शुरआत अपने ही मंत्रिमंडल से कर दी है।

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी मंत्रियों समेत जनप्रतिनिधियों, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों समेत सभी वर्ग के अधिकारियों को अपनी संपत्तियां घोषित करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा ऐसे सभी लोगों के परिजनों की भी संपत्तियों को घोषित करने के लिए कहा गया था। और उन सबको पब्लिक डोमेन में ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस आदेश के बाद एक बड़े तबके में खलबली मची हुई थी कि अचानक योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से अपनी सरकार के मंत्रियों के लिए आचरण संहिता लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

5000 रुपये से ऊपर के उपहार को करें इनकार

जानकारों के मुताबिक इस आचरण संहिता में कहा गया है कि अगर किसी मंत्री को पांच हज़ार रुपये से ज्यादा का उपहार मिल रहा है तो वह उसके लिए इनकार कर दे। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सभी विधायकों और मंत्रियों के लिए ये मानक तय किए गए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कहते हैं कि वैसे तो केंद्र सरकार की ओर से ऐसी आचरण संहिता पहले भी जारी की जा चुकी है, लेकिन वास्तव में उस पर अमल नहीं हो पाया है। वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री की ओर से सभी मंत्रियों को उपलब्ध कराई गई आचरण संहिता के मुताबिक अगर उपहार 5000 रुपये से ज्यादा का है तो उसको राज्य की संपत्ति समझा जाएगा और से ट्रेजरी में जमा करवाना होगा।

सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है इस आचरण संहिता के मुताबिक मंत्रियों और उसके परिवार से जितने भी जुड़े हुए लोग हैं उन्हें कीमती उपहार नहीं लेने चाहिए। हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेताओं से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि यह व्यवस्था पहले से ही केंद्र सरकार ने लागू की है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से इस पर अमल नहीं हो पाता है। उनका कहना है कि इस बार इस आचरण संहिता का सैद्धांतिक रूप से पालन हो इसके लिए कुछ अन्य व्यवस्थाएं भी की गई है। हालांकि वह व्यवस्थाएं क्या हैं इसे लेकर उन्होंने कोई खुलासा तो नहीं किया है, लेकिन यह जरूर कहते हैं कि कोई भी इसका उल्लंघन नहीं कर पाएगा। क्योंकि हर चीज की बहुत नजदीक से निगरानी की जाएगी।

मंत्रियों की निगरानी करेगी सरकार

सूत्र बताते हैं मंत्रियों को जो लिखा-पढ़ी में आचरण संहिता दी गई है, उसके मुताबिक कोई मंत्री विदेश दौरे पर जाता है तो वह प्रतीकात्मक तौर पर मिले उपहार या अन्य भेंट बतौर यादें तो अपने पास रख सकता है, लेकिन उपहार की कीमत अगर तय मानक से ज्यादा है, तो उसे ट्रेजरी में जमा कराना पड़ेगा। सबके अलावा एक सबसे बड़ी व्यवस्था यह भी की गई है कि जो नेता या मंत्री शहर के तमाम संगठनों में जाकर पुरस्कार लेते थे या पुरस्कार बांटते थे, जिसमें उन्हें सम्मानित भी किया जाता था। लेकिन अब वहां जाने से पहले उसकी पूरी पड़ताल की जाएगी। सूत्र बताते हैं कि मंत्रियों को या पहले पता करना होगा संस्था सिर्फ दिखावे के लिए तो नहीं बनी है या मंत्री को बुलाकर कोई एजेंडा तो सेट नहीं किया जा रहा है। हर स्तर पर इसे परखने के बाद ही मंत्री उस कार्यक्रम में जा सकेंगे। इसके अलावा यह व्यवस्था भी की गई है कि अगर कोई पुरस्कार लेने-देने वाली संस्था विदेशी है, तो वहां जाने से पहले मंत्रियों को सरकार से अनुमति लेनी होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़े एक जिम्मेदार नेता कहते हैं कि भाजपा सरकार की कोशिश यह है कि जितनी पारदर्शिता होगी उतना ही जनता में भरोसा बढ़ेगा। मंत्रियों और चुने हुए जनप्रतिनिधियों का आचरण समाज में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए इस तरीके की आचरण संहिता बनाकर सभी को पालन करने के लिए कहा गया है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…