भारत को विश्व कप से वंचित करने वाली श्रबसोल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास…

भारत को विश्व कप से वंचित करने वाली श्रबसोल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास…

लंदन, 14 अप्रैल। दो बार की महिला विश्व कप और पहले टी-20 विश्व कप की विजेता इंग्लैंड महिला क्रिकेट टीम की हिस्सा रहीं तेज गेंदबाज आन्या श्रबसोल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।

समरसेट के लिए अपने घरेलू करियर की शुरुआत करने वाली 30 वर्षीय श्रबसोल ने इंग्लैंड के लिए सभी प्रारूपों को मिला कर 173 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 227 विकेटों के साथ अपने 14 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर को समाप्त किया है। वहीं उन्हाेंने वनडे क्रिकेट में इंग्लैंड की चौथी, जबकि टी-20 में शीर्ष विकेट टेकर के रूप में अपना करियर समाप्त किया है। वह हालांकि राचेल हेहो फ्लिंट ट्रॉफी, शार्लेट एडवर्ड्स कप और ‘द हंड्रेड’ में घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखेंगी।

श्रबसोल ने न्यूजीलैंड में हाल ही में नौ विकेटों के साथ अपना 2022 आईसीसी महिला विश्व कप अभियान समाप्त किया था। टूर्नामेंट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल में आया था, जब उन्होंने 46 रन देकर तीन विकेट लिए थे। इंग्लैंड को हालांकि फ़ाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।

तेज गेंदबाज ने एक बयान में कहा, “ मैं पिछले 14 वर्षों से अपने देश का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होने के लिए बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं। ऐसे विकास के समय महिला क्रिकेट में शामिल होना एक सम्मान की बात रही है, लेकिन मेरे लिए यह स्पष्ट हो गया है कि मैं जितना क्रिकेट के साथ रह सकती हूं, यह उससे कहीं ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रहा है, इसलिए मेरे लिए यही इससे दूर होने का सही समय है। अब तक की यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन 2017 में लॉर्ड्स में आईसीसी महिला विश्व कप को उठाने में सक्षम होना अब तक का सबसे खास पल था। ”

2017 विश्व कप के फ़ाइनल मुक़ाबले मे अपनी गेंदबाज़ी के बलबूते इंग्लैड को भारतीय टीम के ख़िलाफ़ मैच जिताने के बाद आन्या को एमबीई (ब्रिटेन की महारानी द्वारा दिया जाने वाल सम्मान) से भी पुरस्क़ृत किया गया था।लॉर्ड्स में खेले गए उस मुक़ाबले में आन्या ने 46 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए थे।

अपने संन्यास का ऐलान करते हुए आन्या ने कहा, “मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझे इंग्लैंड के लिए इतने लंबे समय तक खेलने का मौक़ा मिलेगा। मैं वास्तव में बहुत भाग्यशाली हूं, अन्यथा मैं तो एक मैच खेलकर भी खुश हो जाती। करियर में कई उतार-चढ़ाव भी आए, लेकिन 2017 में महिला विश्व कप की ट्रॉफ़ी ने सामने आई तमाम कठिनाईयों को पीछे छोड़ दिया।”

आन्या ने अपने जीवन में उनका साथ देने वाले हर व्यक्ति का आभार व्यक्त किया। श्रबसोल ने कहा, “ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने रास्ते में मेरा समर्थन किया है और मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं, लेकिन सबसे बढ़कर मैं अपने परिवार के अटूट समर्थन के बिना ऐसा नहीं कर सकती थी। वह हर कदम पर मेरे साथ रहे हैं।” श्रबसोल को एक बार अपने देश का नेतृत्व करने का मौक़ा भी मिला। 2018 में विज़डन क्रिकेटर्स अल्मनैक के फ़्रंट कवर पर आने वाली पहली महिला बनीं। चोट के कारण 2021 के घरेलू अंतरराष्ट्रीय सीज़न के बाद, आन्या इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में इंग्लैंड के एशेज़ अभियान का हिस्सा थीं। इंग्लैंड के लिए उनकी आख़िरी उपस्थिति न्यूज़ीलैंड में 2022 महिला विश्व कप फ़ाइनल के दौरान थी, जब उन्होंने 46 रन देकर 3 विकेट लिए थे। 3 अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली 71 रन की हार में वह आउट होने वाली अंतिम बल्लेबाज़ थीं।

महिला क्रिकेट के लिए ईसीबी की प्रबंध निदेशक क्लेयर कॉनर ने श्रबसोल को अंग्रेजी क्रिकेट और विशेष रूप से महिला क्रिकेट की सबसे उत्तम सेवक करार दिया। उन्होंने कहा, “14 वर्षों तक आन्या ने अपनी टीम को सबकुछ दिया, यही वजह है कि उनके संन्यास लेने का कारण भी इतना निस्वार्थ है।” उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बीते विश्व कप के फ़ाइनल को याद करते हुए कहा, “क्राइस्टचर्च में खेले गए फ़ाइनल में आन्या ने गेंदबाज़ी में टीम के लिए सबसे अहम योगदान दिया। ठीक उसी तरह जैसी गेदबाज़ी उन्होंने लॉर्ड्स में 2017 विश्व कप के फ़ाइनल मे की थी।”

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…