महिलाओं को सशक्त बनाने में मददगार होगा फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप : फीफा टूर्नामेंट निदेशक…
नई दिल्ली, 26 मार्च। फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप 2022 इस साल के अंत में भारत में आयोजित किया जाना है और फीफा के टूर्नामेंट निदेशक जैमे यारजा का मानना है कि इस टूर्नामेंट का असर खेल के मैदान से परे भी देखने को मिलेगा क्योंकि यह महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण के लिहाज से समाज पर एक अमिट छाप छोड़ेगा। यारजा ने समाज पर इस तरह की बड़ी एवं प्रभावशाली घटनाओं के प्रभाव को स्पष्ट करते हुए कहा, यह टूर्नामेंट बहुत खास है क्योंकि यह खेल के मैदान से परे एक बड़ा संदेश देता है। पूरा देश समझता है कि फुटबॉल एक आकर्षक खेल है जबकि अब यह केवल फुटबॉल का खेल नहीं रह गया है। यह महिलाओं, उनके विकास और सशक्तिकरण का उद्देश्य साथ लेकर चलता है। हम जानते हैं कि इसमें अभी तक पुरुषों के फुटबॉल की तरह आकर्षण और अपील नहीं है लेकिन यह केवल खेल के बारे में नहीं है। यह सशक्तिकरण और महिलाओं को खुद को विकसित करने के लिए एक तरह का हथियार देने का काम करेगा।”
यारजा को लगता है कि फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप इंडिया 2022 ने एक लिहाज से अतिरिक्त संदर्भ हासिल कर लिया है क्योंकि वैश्विक महामारी के कारण युवा और महिला फुटबॉल लगभग बंद हो गया था और अब इसके माध्यम से खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ महिला फ़ुटबॉल को फिर से शुरू करना एक मुख्य मानदंड बन गया है। यारजा ने आगे कहा, “दुनिया में बहुत सारे यूथ टूर्नामेंट महामारी के कारण रद्द कर दिए गए हैं। विशेष रूप से महिला टूर्नामेंट्स को अधिक नुकसान हुआ है। इस प्रकार, महिला फुटबॉल को फिर से शुरू करने के लिए यह विश्व कप बहुत महत्वपूर्ण है। आयोजन में 16-17 साल के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं और इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमें टूर्नामेंट के सफल आयोजन से जुड़ी हर बात का विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।“
तमाम चुनौतियों के बावजूद फीफा में यारजा और उनके सहयोगी अक्टूबर में होने वाले इस टूर्नामेंट की सफलता के प्रति आश्वस्त हैं। इनका यह विश्वास इस बात पर अधिक निर्भर है कि भारत ने कोविड -19 की उग्र तीसरी लहर के बीच एएफसी विमेंस एशियन कप की सफल मेजबानी की थी। यारजा ने कहा, हमें विश्वास है कि फीफा अंडर-17 विमेंस वर्ल्ड कप इस साल की शुरुआत में आयोजित एएफसी विमेंस एशियन कप इंडिया 2022 की सफलता पर आधारित होगा। हमें यह भी यकीन है कि यह एक और ऐतिहासिक टूर्नामेंट होगा, जो महिला फुटबॉल के भविष्य के सुपरस्टार्स को सामने लाने का काम करेगा और मैदान के बाहर तथा अंदर अपना एक स्थायी प्रभाव छोड़ देगा।”
भारत में 2017 में हुए यूथ इवेंट की देखरेख करने के बाद यारजा के मन में व्यक्तिगत स्तर पर भारत के प्रति अच्छी यादें हैं। गोवा और नवी मुंबई का दौरा करने के बाद भारत के प्रति अपने भाव प्रकट करने के बाद यारजा अब भुवनेश्वर का भी दौरा करेंगे। यारजा ने कहा, अंडर-17 (फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप 2017) जिसे हमने भारत में आयोजित किया था, वह शायद अब तक का सबसे अच्छा अंडर-17 टूर्नामेंट था। कम से कम पिछले 23 वर्षों में मैंने जितने टूर्नामेंट्स के साथ काम किया है, उनमें वह सबसे अच्छा था।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…