यूक्रेन के खिलाफ बढ़ते युद्ध के बीच राजनयिक ईरान परमाणु समझौते के करीब पहुंचे…
वाशिंगटन, 17 मार्च। यूक्रेन पर रूस के बढ़ते हमलों के बीच, राजनयिक 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और संघर्ष के कारण ध्यान भटकने के बावजूद वार्ता को आगे बढ़ा रहे हैं। वे अब ऐसा समझौता करने के निकट पहुंचते प्रतीत होते हैं, जिससे समझौते में अमेरिका की वापसी हो जाएगी और ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रम पर सीमा का पालन करने के लिए राजी किया जा सकेगा।
विएना में 11 महीने से वार्ता जारी है। अमेरिकी अधिकारियों और अन्य का कहना है कि केवल कुछ मामलों को सुलझाया जाना शेष है। ईरान और अमेरिका समझौते संबंधी अंतिम निर्णय पर पहुंचने को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे है, जिसके कारण समझौता लटका हुआ है, जबकि सभी संबंधित पक्षों का कहना है कि यह एक आवश्यक मामला है और इसे जल्द से जल्द सुलझाए जाने की आवश्यकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बुधवार को कहा, ‘‘हम संभावित समझौता करने के निकट हैं, लेकिन अभी यह हुआ नहीं है। हम आगामी कुछ समय में यह पता लगाएंगे कि हम यह समझौता कर पाएंगे या नहीं।’’
इस बीच, जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिस्टोफर बर्गर ने बर्लिन में बुधवार को कहा कि ‘‘ अंतिम पाठ का मसौदा तैयार करने का काम पूरा हो गया है’’ और ‘‘राजधानियो में अब आवश्यक राजनीतिक फैसले किए जाने की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ये वार्ताएं अब जल्द ही पूरी हो जाएंगी।’’
ईरान ने अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों के साथ 2015 में एक समझौता किया था जिसके तहत उसने अपना परमाणु कार्यक्रम सीमित किया था, लेकिन 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया था और ईरान ने भी समझौते के तहत निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया और यूरेनियम का संवर्धन बढ़ाया।
संयुक्त समग्र कार्य योजना (जेसीपीओए) के नाम से जाने जाने वाले इस समझौते में फिर से शामिल होना अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन की प्राथमिकता रहा है।
इस बीच, ईरान द्वारा हिरासत में बंद दो ब्रितानी नागरिकों को रिहा किए जाने के बाद समझौते की प्रगति के संबंध में बुधवार को आशा की एक नई किरण मिली। प्राइस ने मंगलवार को कहा था कि यदि कैदियों के मामले को सुलझा लिया गया, तो परमाणु वार्ता के बीच अंतर को जल्द पाटा जा सकता है।
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मंगलवार को मॉस्को में बातचीत के बाद कहा कि समझौता पूरी तरह से वाशिंगटन पर निर्भर करता है। अब्दुल्लाहियन ने कहा कि उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि ‘‘रूस विएना में अंतिम समझौते का हिस्सा बना रहेगा।’’
प्राइस ने कहा कि अमेरिका ईरान के माध्यम से धन या अन्य संपत्ति प्राप्त करके रूस को यूक्रेन हमले के कारण लगाए गए प्रतिबंधों से बचने नहीं देगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…