फैशन करियर जो दीवाना बना दे…
सभी मां-बाप बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, सीए-एमबीए या फिर आईएएस बनाना चाहते हैं। एक ही क्षेत्र, संकाय या इंडस्ट्री की क्षमता इतनी नहीं कि सभी का प्रवेश हो सके। ऐसे में प्रवेश न मिल पाने पर निराशा भी होती है, विद्यार्थी को भी और अभिभावकों को भी। इस स्थिति से बचने का सीधा-सा उपाय है कि बच्चे की रुचि, रुझान व योग्यता देखकर ही उसके करियर का चयन किया जाए। यदि विद्यार्थी क्रिएटिव व विश्लेषणात्मक अभिरुचि रखता है तो अन्य बेहतर करियर आप्शंस की कोई कमी नहीं है। अब फैशन एवं ब्यूटी क्षेत्र को ही लीजियेकृ भारत में अकेली टेक्सटाइल एवं एपरेल इंडस्ट्री ही 9.5 प्रतिशत वार्षिक की तेज गति से बढ़ रही है। इसी तरह ब्यूटी इंडस्ट्री 20 की सालाना रफ्तार पर है। जब बिजनेस-उत्पादन-निर्यात होगा तो जॉब के मौके भी खुलेंगे, प्रोफेशनल की जरूरत होगी।
कई नामी देशी ब्रांड के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड भी देश में अपने आउटलेट खोल रहे हैं। इस बढ़ते बिजनेस को चाहिये प्रशिक्षित स्पेशलिस्ट यानी टेलेंट। प्रोफेशनल ट्रेनिंग,स्पेशल कोर्स और फील्ड की बेसिक जानकारी वालों की इस क्षेत्र में बहुत डिमांड है। वैसे क्रिएटिविटी पढ़ाई नहीं जाती पर इसे अच्छे परिणाम हेतु अप्लाई कैसे करना है यह संबंधित फैशन कोर्सों से विद्यार्थी सीख सकते हैं। पढ़ाई के बाद भी लगातार इंडस्ट्री से सतत् सीखते रहना, जुड़े रहना और अपडेट रहना प्रोफेशनल के लिए बेहद जरूरी है। प्रैक्टिकल एवं पढ़ाईकृदोनों का जरूरत मुताबिक समन्वय यदि कोर्स करवाने वाली संस्थाएं अपनाएं तो बेहतर रहता है। तभी इनोवेशन होती हैं जब संतुलन हो। दरअसल, फैशन से जुड़े व्यवसायों में डॉक्टरी-इंजीनियरी के मुकाबले पैसा कम नहीं है बशर्ते मेहनत की जाए, नया-नया कुछ पेश करते रहें बाजार के लिए। यह फील्ड ‘चैलेंजिंग’ भी है, ‘डिमांडिंग’ भी।
फैशन के कार्यक्षेत्र में केवल कपड़ों की डिजाइनिंग व निर्माण ही नहीं आते बल्कि एक्सेसरीज, फुटवियर, इंटीरियर डिजाइनिंग और मर्केंडाइजिंग-मार्किटिंग व कम्युनिकेशन जैसे ढेरों प्रोफेशन समाये हैं फैशन के विशाल व्यवसाय में। कुछ नये प्रोफेशन उभर रहे हैं फैशन के इस चमकीले संसार में जो यहां दिये जा रहे हैं…
डिजिटल फैशन: डिजिटल फैशन के अंतर्गत क्रिएटिव व मार्केटिंग दो स्ट्रीम हैं। सोशल मीडिया साइटों पर ब्रांड की एंडोर्समेंट व कंपनी वेबसाइट संभालने के लिए मार्केटिंग से जुड़े लोग चाहिये। वहीं डिजाइनिंग का काम भी ऑनलाइन किया जा सकता है। वेब डिजाइन में महारत रखने वाले लोग फैशन डिजायनिंग में कामयाब हो सकते हैं। खुद का बिजनेस भी ऑनलाइन बखूबी चल सकता है।
एक्सेसरीज: अच्छे कपड़े भी एक्सेसरी के बिना ‘जंचते’ नहीं। आभूषण हों, बेल्ट-पर्स हों अथवा टाई-जुराब सभी के नित नये-नये वर्जन-फैशन बाजार में उतर रहे हैं। जो बेहतर प्रॉडक्ट डिजाइन करेगा वही फैशन बाजार में छा जाएगा। इसी के साथ अच्छी स्ट्रेटजी-प्लानिंग एवं मार्किटिंग भी एक्सेसरीज निर्माता-विक्रेता का भविष्य तय करती है। कई बड़ी बांडेड कंपनियों में भी जॉब की संभावना बनती है यदि कैड अथवा वेब आधारित फैशन डिजाइनिंग कोर्स या फिर फैशन मार्किटिंग में स्पैशलाइजेशन के साथ एमबीए कर ली जाए।
फैशन राइटिंग/कम्युनिकेशन: कई मैगजीन हैं, कई चैनल हैं और कई ऑनलाइन पोर्टल व वेबसाइट भी जहां फैशन विषय के जानकार अच्छा बोलने व लिखने वाले प्रोफेशनल चाहिये। इसके लिए बेसिक फैशन शब्दावली का ज्ञान, क्रिएटिव राइटिंग कोर्स, फैशन कम्यूनिकेशन जर्नलिज्म कोर्स अथवा वीजे कोर्स करना ठीक रहता है। कंटेंट राइटिंग के प्रोफैशनल की भी डिमांड फैशन वेबसाइटों पर है।
पैटर्न बनाना एवं कंस्ट्रक्ड्ढशन: यह ट्रेडिशनल एवं बेसिक क्रिएटिव कार्य है। कपड़ों के पैटर्न व ‘कट’ सही लगाने के लिये शारीरिक संरचना का सही अंदाजा काम आता है। वूमेन डिजाइनर, ग्राफिक डिजाइनर, सैंपल मशीनिस्ट जैसे जॉब के लिए हरदम नया सीखने तथा अपनी तरफ से कुछ एडिशन करने की प्रवृत्ति कामयाबी दिलाती है। इसके लिए वैज्ञानिक नजरिया चाहिये। स्किल बढ़ाने के लिए फैशन डिजाइनिंग व डिजाइन सॉफ्टवेयर कोर्स काफी मददगार हैं।
फैशन फोटोग्राफी: हमारे देश में अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां एवं घरेलू ब्रांड फैशन शो आयोजित करते हैं। इसी तरह फैशन मॉडलिंग भी फोटोग्राफी से जुड़ा काम है। फैशन फोटोग्राफर के लिए मौके बढ़ रहे हैं तो किसी अच्छे इंस्टीच्यूट से फैशन में स्पेशलाइजेशन के साथ फोटोग्राफी कोर्स, फाइन आट्र्स या फिर कमर्शियल आर्ट का कोर्स करना उपयुक्त है। टेक्रिकल स्किल के साथ क्रिएटिविटी व विजन होना भी उतना ही जरूरी हैं।
ग्रूमिंग सेलिब्रिटी स्टाइलिंग: इस प्रोफेशन के लिए ब्यूटी, स्पा एवं नेल आर्ट संबंधी कोर्स किया जा सकता है। हमारे देश में स्तरीय ब्यूटी स्पेशलिस्ट की काफी कमी है। साथ ही फॉरेन में भी ग्रृूमिंग एक्सपर्ट के लिए डिमांड है। अपना व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है ऐसे कोर्स करने के बाद। एक अच्छा हेयर स्टाइलिस्ट एक कटिंग के लिए 400 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक प्राप्त कर सकता है। फैशन भविष्यवक्ता एवं फैशन कंसल्टेंट का काम भी इन कोर्सों के बाद काफी डिमांड में है।
फैशन प्रॉडक्ट एवं सप्लाई चेन मैनेजमेंट: फैशन के फील्ड में एमबीए एवं कॉमर्स-अकाउंट के स्पेशलिस्ट प्रोफेशनल के लिए कई जॉब मौजूद हैं। इनमें बॉयर, प्रॉडक्शन कोर्डिनेटर, मर्केंडाइजर एवं क्वालिटी कंट्रोल, सप्लाई चेन मैनेजर एवं इवेंट एवं फैशन शो मैनेजर जैसे काम शामिल हैं। फैशन में स्पेशलाइजेशन के साथ बी.कॉम. मैनेजमेंट कोर्स अच्छा प्रोफेशनल बनने के लिए जरूरी है। उक्त डिग्रियां करने के बाद भी क्रिएटिविटी, एनालिटिकल एबिलिटी एवं टेक्रिकल स्किल ही इस प्रोफेशन में कामयाब बनाते हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…