*जेल में रची गई थी प्रधान की हत्या, दो गिरफ्तार*

*जेल में रची गई थी प्रधान की हत्या, दो गिरफ्ता

नई दिल्ली, 25 फरवरी। रोहिणी जिले के विजय विहार इलाके में बीते 11 जनवरी की शाम को एंबुलेंस चालक बृज मोहन की बाइक सवार बदमाशों ने उसी की पत्नी के सामने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी। रोहिणी जिले के स्पेशल स्टॉफ पुलिस ने वारदात में शामिल सोनू दरियापुर गैंग के दो शार्प शूटर गिरफ्तार किया है।

जिनकी पहचान प्रशांत और गणेश सैनी उर्फ गोलू के रूप में हुई है। वारदात मंडौली जेल में बनी और वारदात के पीछे की वजह बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में एंबुलेंस की प्रधानी को लेकर विवाद था। पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से तीन सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल और 10 जिंदा कारतूस और एक चोरी की स्कूटी बरामद हुई है।

डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि विजय विहार पुलिस को बीते 11 जनवरी की शाम को सारी क्लिनिक, आई ब्लॉक, विजय विहार के पास व्यक्ति को बाइक सवार बदमाशों द्वारा गोली मारने की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची। खून से लथपथ पड़े बृज मोहन को उसी की एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

वारदात के वक्त वह अपनी पत्नी के साथ अपने बेटे राधे को डाक्टर को दिखाने आया था। जब उसका पति एक फोन कॉल में भाग ले रहा था, तीन अज्ञात लोगों ने उस पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिससे उसकी हत्या हो गई।

तीन आरोपित बाइक से फरार हो गए थे। विजय विहार एसएचओ अनुज दयाल और स्पेशल स्टॉफ में तैनात इंस्पेक्टर ईश्वर सिंह के निर्देशन में पुलिस टीम को आरोपितों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया।

मृत की पत्नी ने विकास खत्री निवासी नारला और कुलदीप राणा निवासी रिठाला पर आपसी रंजिश का शक जाहिर किया। पुलिस टीम को उस रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने पर बाइक नंबर दिखाई दिया। जिसपर तीन आरोपित सवार थे।

अगले ही दिन वारदात में इस्तेमाल बाइक पूठ कलां गांव में पड़ी मिली थी, जिसके ब्रेक आदी पर खून के धब्बे लगी थे। जिससे आशंका जाहिर हुई कि हमलावरों में से एक को भी चोट लगी थी। बाइक नंबर की सहायता से पुलिस को उसके मालिक प्रशांत के बारे में पता लगा, जो गांव शाहपुर, बडोली, थान बड़ौत, जिला- बागपत, यूपी था।

शाहपुर में पुलिस टीम ने गांव वालों से तीनों के बारे में पता करने की कोशिश की। जिसमें प्रशांत और रोहित को पहचाना गया। जबकि तीसरे आरोपित की पहचान गणेश के रूप में हुई। विकास खत्री और कुलदीप राणा की भी तलाश की गई। पता चला कि विकास खत्री वारदात से तीन दिन पहले ही स्पेशल सेल ने अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। जबकि कुलदीप राणा फरार था और जांच में शामिल नहीं हुआ था। पुलिस टीम ने दिल्ली और हरियाणा व यूपी में कई संदिगध ठिकानों पर छापेमारी की।

बीते गुरुवार को एसआई जगदीश को जानकारी मिली। वारदात में शामिल दो आरोपित एम्बुलेंस मालिकों से पैसे की उगाही के लिए जापानी पार्क सेक्टर 10 रोहिणी आएंगे। जिनके पास हथियार भी होगें। एसआई जगदीश, एएसआई दलबीर, एएसआई रविंदर, कांस्टेबल परवेश, नवीन, संगीत को आरोपितों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया। मौके पर घेराबंदी करके दोनों आरोपित प्रशांत और गणेश सैनी उर्फ गोलू को गोली चलाने से पहले पकड़ लिया। जब्कि स्कूटी प्रशांत विहार इलाके से चोरी की गई थी।

पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित विजय विहार हत्या और उससे दस दिन पहले ही मोती नगर में कारोबारी को डराने के लिये गोली चलाने और पांच करोड़ रुपये की रंगदारी में शामिल थे। जिसके पास एक पर्ची भी फैंकी गई थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि असल में मृतक बृज मोहन बाबा साहेब अंबेडकर में एंबलेंस चलाया करता है। अस्पताल में करीब 35 से 40 एंबुलेंस हैं। जिसका प्रधान वो और विकास खत्री बनता है।

दोनों में यहीं रंजिश थी। विकास का चाचा नवीन खत्री सोनू दरियापुर का करीबी है और मंडौली जेल में कई मामलों में बंद है। विकास ने चाचा को सारी बात बताई। विकास को वारदात से तीन दिन पहले स्पेशल सेल ने हत्थे अवैध हथियार रखने पर पकड़ लिया था। दूसरी तरफ नवीन ने सोनू से बातचीत करके वारदात में शामिल तीनों को हायर करके बृज मोहन की हत्या करवा दी।

आरोपित प्रशांत स्कूल छोडऩे के बाद, वह अपने गाँव में छोटे-छोटे झगड़ों में शामिल हो गया और वहाँ से अपना गांव छोड़ दिया। वह गांव लाडपुर, दिल्ली के एक रिश्तेदार के माध्यम से विकास खत्री और नवीन खत्री के दोस्तों गणेश सैनी उर्फ गोलू के संपर्क में आया। नवीन खत्री सोनू दरीपुर गिरोह का सक्रिय सदस्य है और वर्तमान में जेल में बंद है। जबकि गणेश सैनी उर्फ गोलू को पुलिस ने एक मामले में झज्जर जेल में बंद किया गया था, जहां वह सोनू दरियापुर गैंग के गैंग के सदस्य नवीन खत्री के संपर्क में आया।