करोड़ों रुपये की चोरी का मामला : आइपीएस की संपत्ति का पता लगाएगी एसटीएफ…

करोड़ों रुपये की चोरी का मामला : आइपीएस की संपत्ति का पता लगाएगी एसटीएफ…

गुरुग्राम। करोड़ों रुपये की चोरी के मामले में भगोड़ा घोषित किए गए निलंबित आइपीएस धीरज सेतिया, गैंगस्टर विकास लगरपुरिया और चेतन मान की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इस बारे में भी जिला अदालत ने आदेश जारी किया है। तीनों के पास कितनी संपत्ति कहां पर है, इस बारे में एसटीएफ को अपनी रिपोर्ट अगली सुनवाई के दौरान यानी दो मार्च को सौंपने को कहा गया है। रिपोर्ट के आधार संपत्ति जब्त कराने की कार्रवाई गुरुग्राम पुलिस शुरू कराएगी। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य यह है कि आरोपित अदालत के सामने हाजिर हो जाएं। धीरज सेतिया पर मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे लेने का आरोप है। गैंगस्टर विकास लगरपुरिया मामले का मास्टर माइंड है जबकि चेतन मान साजिश में शामिल है।

खेड़कीदौला थाना इलाके की एक सोसायटी के दो फ्लैट में अल्फाजी कार्प मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के पैसे रखे हुए थे।पिछले साल चार और पांच अगस्त की रात पैसे चोरी हो गए थे। कितनी राशि चोरी हुई थी, इसका आंकड़ा कंपनी की ओर से नहीं दिया गया था। छानबीन से पता चला कि लगभग 30 करोड़ रुपये थे। अब तक की छानबीन के मुताबिक साजिश रचने से लेकर वारदात को अंजाम देने में लगभग 20 लोगों ने भूमिका निभाई थी। इनमें 17 गिरफ्तार किए जा चुके हैं। तीन आरोपित फरार चल रहे हैं। इनमें आइपीएस धीरज सेतिया और गैंगस्टर विकास लगरपुरिया के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। फरार चल रहे आरोपितों को जिला अदालत ने शुक्रवार को भगोड़ा घोषित करने के साथ ही उनकी संपत्ति भी जब्त करने का आदेश जारी कर दिया।

फरार चल रहे आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद कई अधिकारियों के ऊपर भी जांच की आंच आ सकती है। बताया जाता है कि मामले में आइपीएस धीरज सेतिया के अलावा और किसकी भूमिका थी, इस बारे में एसटीएफ पता लगा रही है। जिला अदालत ने भी कई अन्य अधिकारियों के शामिल होने को लेकर अंदेशा जाहिर किया है। 14 फरवरी को सुनवाई के दौरान धीरज सेतिया की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज करते हुए पूरी व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि जब बदमाश पुलिस अधिकारी के कार्यालय में पैसे लेकर पहुंचने लगे फिर आम आदमी को अपने बचाव के लिए देवता से ही प्रार्थना करनी चाहिए। दरअसल, मामले में छानबीन के मुताबिक आइपीएस धीरज सेतिया के घर पर ढाई करोड़ रुपये पहुंचाए गए थे। बाद में वह पैसे लेकर अपने कार्यालय में पहुंचे और कुछ रखकर बाकी लौटा दिए थे। उस दौरान उनके पास पुलिस उपायुक्त (क्राइम) का अतिरिक्त प्रभार था। पुलिस उपायुक्त (क्राइम) का कार्यालय पुलिस आयुक्तालय में ही तीसरी मंजिल पर है। पुलिस आयुक्त का कार्यालय दूसरी मंजिल पर है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…