बजट से व्यापारियों में निराशा, व्यापारियों की एक भी मांग पूरी नहीं की गयी…

बजट से व्यापारियों में निराशा, व्यापारियों की एक भी मांग पूरी नहीं की गयी…

बजट में व्यापारियों की अनदेखी की गयी , बजट में विरोध नहीं तो बजट नहीं की मूल भावना दिखी…

अब व्यापारियों को भी सरकार का विरोध करना होगा जिससे सरकार व्यापारियों की बात सुने…

लखनऊ:- वित्त मंत्री द्वारा जीएसटी के विषय में दिए गए वक्तव्य से व्यापारियों को ऐसा लगा जैसे की वित्त मंत्री तक व्यापारियों की आवाज नहीं पहुचती है, टेबल टॉक से नहीं सुनेगी सरकार, बजट ने व्यापारियों को सड़क पर उतर कर संघर्ष करने का सीधा सन्देश दिया है|
वित्त मंत्री जी ने अपने अभिभाषण में जनवरी माह में हुए जीएसटी संग्रह 1.४० लाख करोड़ का वर्णन किया, और अपनी पीठ तपथापाई, लेकीन उन्होंने जीएसटी में होने वाली परेशानियों के विषय में या उसके निराकरण के बारे में बोलना ठीक नहीं समझा, जीएसटी के मकडजाल में फ़सा व्यापारी किस तरह से परेशानियों का सामना कर रहा है ये बात कई बार ईमेल, पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया है लेकिन ऐसा ज्ञात होता है की वित्त मंत्री ने व्यापारियों को सिर्फ आय का श्रोत माना है,लेकिन वित्त मंत्री शायद भूल गयी की व्यापारी किसी भी राजनीतिक दल की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, इसलिए व्यापार मंडल अब जीएसटी सरलीकरण और ई कॉमर्स नीति पर आर-पार की लड़ाई लडेगा |
व्यापार मंडल जीएसटी सरलीकरण और ई कॉमर्स नीति के लिए बाज़ारों में हस्ताक्षर अभियान चलाएगा | व्यापारियों को जागरूक कर सरकार को अपनी मांगे मानने पर बाध्य करेगा |

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…