धोखाधड़ी से जमीन हड़पने के मामले में एमआई बिल्डर्स के निदेशकों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल…
पुलिस कमिश्नर ने कराई थी दुबारा जांच: अदालत ने 4 फरवरी को आरोपियों को किया तलब…
पीड़ित धन प्रकाश बुद्धिराजा 👆
आरोपी मो. कासिम अली 👆
लखनऊ। धोखाधड़ी से करोड़ों रुपए की जमीन हड़पने के मामले में एमआई बिल्डर्स के खिलाफ पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है, जिसका संज्ञान लेकर आरोपियों को 4 फरवरी को अदालत ने तलब किया है। बिल्डर एग्रीमेंट के क्षेत्रफल 6074.349 वर्गमीटर को कूटरचना कर 30727 वर्गमीटर का बताकर जमीन मालिक को अगवाकर बंधक बनाने और उससे असलहे के दम पर करीब डेढ़ से दो सौ करोड़ रुपये की जमीन को मनमाने दाम पर एग्रीमेंट कराने के मामले में गोसाईंगंज थाने में वर्ष 2019 में केस दर्ज कराया गया था, लेकिन पुलिस ने मात्र 18 दिनों में इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। पुलिस कमिश्नर डी.के. ठाकुर से की गई शिकायत के बाद सुशांत गोल्फ सिटी थाने से दोबारा हुई विवेचना में एम.आई. बिल्डर्स ग्रुप के दो निदेशक तथा उनके एक सहयोगी को जमीन हड़पने व फर्जीवाड़े का आरोपी पाया गया। उनके खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 182, 386, 342, 409, 506 व 120बी के तहत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है, जिसका संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने आरोपी निदेशकों को चार फरवरी को कोर्ट में तलब किया है।
ये है धोखाधड़ी का पूरा मामला. . . . .
हजरतगंज के गुलमोहर अपार्टमेंट में रहने वाले धन प्रकाश बुधराजा की सरसवां अर्जुनगंज में जमीन थी। आरोप है कि इसे हड़पने के लिए शाहनजफ रोड निवासी लवी अग्रवाल उर्फ लवी कबीर अप्रैल 2013 में अपने कई साथियों संग घर में घुसकर परिवार को बंधक बना लिया और पहले से तैयार एग्रीमेंट पर असलहे के दम पर दस्तखत करा लिए। आरोप है कि एमओयू एग्रीमेंट पेपर पर 26 करोड़ रुपये दर्ज किए गए थे लेकिन आरोपियों ने 25-25 लाख के चेक दिए और चुप रहने की धमकी देकर चले गए। इसके बाद एम.आई. बिल्डर के मालिक मो. कादिर अली ने नए सिरे से जमीन का एग्रीमेंट तैयार कराया। एम.आई. बिल्डर के निदेशक कादिर अली, कबीर लवी तथा उनके सहयोगियों ने बन्दूक की नोक पर, जबरिया, जान का भय दिखाकर जमीन के दस्तावेज पर दस्तखत कराए और रजिस्ट्री दफ्तर में पंजीकृत भी कराया, जिसमें 70 प्रतिशत के मालिक मो. कादिर अली, 15 प्रतिशत के लवी कबीर और 15 प्रतिशत पीड़ित व उसकी पत्नी थे। इसके बावजूद रुपये नहीं दिए गए। पीड़ित ने गोसाईंगंज थाने में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने धमकी की धारा में मुकदमा दर्ज कर विवेचना में आरोपियों को बरी कर दिया। वहीं अपनी अंतिम रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश कर दी।
पुलिस कमिश्नर के आदेश पर दोबारा हुई विवेचना…
पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर डी.के. ठाकुर से शिकायत की। पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट से अंतिम रिपोर्ट वापस मंगवाकर विवेचना दोबारा शुरू करने का आदेश दिया। दोबारा विवेचना में एम.आई. बिल्डर्स के निदेशकों मो. कादिर अली व मो. कासिम अली तथा उनके सहयोगी लवी अग्रवाल उर्फ लवी कबीर द्वारा फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये की 6074.349 वर्ग मीटर के फर्जी दस्तावेज पर 30727 वर्ग मीटर जमीन हड़पने की पुष्टि हुई। विवेचक ने आरोपियों को बंधक बनाने, असलहे के दम पर एग्रीमेंट कराने, अपहरण, धोखाधड़ी, छल, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने का आरोपी पाया। उनके खिलाफ चार्जशीट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दाखिल कर दी। कोर्ट ने आरोपियों को 4 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने का सम्मन जारी कर दिया है।
मुख्य सचिव से भी की गई शिकायत. . . . .
पीड़ित धन प्रकाश बुधराजा ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा से भी शिकायत की है जिसमें आरोप लगाया है कि उसकी जमीन को एम.आई. बिल्डर्स प्रा. लि. के डायरेक्टर मो. कादिर अली, तथा उनके सहयोगी लवी अग्रवाल उर्फ लवी कबीर को सपा सरकार का संरक्षण प्राप्त था। इन लोगों ने सरकार की धौंस दिखाकर पूरी जमीन हड़प ली। आरोप है कि बिल्डर ने अपने रसूख का प्रयोग कर एल.डी.ए. से एम.आई. सेंट्रल पार्क नाम से ग्रुप हाउसिंग परियोजना का मानचित्र भी स्वीकृत करा लिया, जिस पर आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने जनवरी 2017 में अपनी एन.ओ.सी. भी जारी कर दी। यूपी रेरा ने भी बिना परिक्षण के पंजीकरण किया था l
मामले अब तक हुई कार्यवाही. . . . .
प्रकरण में उ०प्र० भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा), सहायक महानिरीक्षक निबंधन (द्वितीय) (एआईजी सटांप- II), आवास विभाग, उ०प्र० शासन तथा न्याय विभाग, उ०प्र० शासन ने जांच की है l जिसमें पाया है कि :- 1. दो बिल्डर्स एग्रीमेंट्स दिनांकित 22.04.2015 के क्षेत्रफल को 6074.349 वर्ग मीटर पाया गया है न कि 31737 वर्ग मीटर का l 2. एमओयू बिल्डर एग्रीमेंट में करोड़ों की स्टाम्प चोरी पायी गई है l 3. आवास विकास परिषद द्धारा जारी अनापत्ति (दिनांकित 03.01.2017) को विधिक नहीं कहा गया है l 4. लखनऊ विकास प्राधिकरण द्धारा 31737 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर स्वीकृत मानचित्र (परमिट संख्या 38618 दिनांकित 07.08.2015) को विधिपूर्ण नहीं पाया गया है l 5. फायरिंग रेंज / डेंजर जोन की अधिसूचना के प्रभावी होने के कारण मानचित्र स्वीकृत ही नहीं किया जा सकता है, ऐसा पाया गया है l 6. प्रकरण में उ०प्र० आवास एवं विकास परिषद स्तर तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण स्तर पर प्रथमदृष्टया नियमानुसार कार्यवाही किसी भी स्तर पर की गयी प्रतीत नहीं होती है l इस हेतु परिषद एवं प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों की संलिप्तता जांच का विषय है l
पीड़ित पक्ष की मांग, सीबीआई जांच हो. . . . .
धन प्रकाश बुधराजा का आरोप है कि प्रकरण में संलिप्त अधिकारीगण न्याय नहीं होने दे रहे हैं और सभी तथ्य सामने आने के बावजूद भी बार-बार जांच की पुनः जांच कराई जा रही है l जिसकी आड़ में मेरी जमीन पर अवैध निर्मित एमआई सेंट्रल पार्क के फ्लैटों की बिक्री जनता को करके, धन उगाही करके ठगा जा रहा है l सम्पूर्ण प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे सीबीआई, आईबी, ईडी, सीवीसी, इनकम टैक्स आदि के संयुक्त जांच पैनल से कराई जानी चाहिए l (18 जनवरी 2022)
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,