बदलाव और मांग के अनुरूप करिअर के लिए चुनें सही विकल्प…

बदलाव और मांग के अनुरूप करिअर के लिए चुनें सही विकल्प…

प्रौद्योगिकी में हो रहे तेज बदलाव और उद्योग की मांग के अनुरूप पेशे और रोजगार के अवसरों में भी परिवर्तन हो रहा है, जिससे जहां पुराने रोजगार खत्म होते जा रहे हैं, वहीं नये-नये क्षेत्रों में संभावनाओं के नये द्वार खुल रहे हैं। युवा वर्ग समय की जरूरत के अनुरूप भावी विकल्प का चुनाव कर इस चुनौती से आसानी से निपट सकता है। यदि हम पिछले कुछ वर्षों पर नजर डालें, तो प्रौद्योगिकी में बदलाव और उद्योग की मांग के आगे कितने ही परंपरागत प्रोफेशन और रोजगारों का आज अस्तित्व भी शेष नहीं बचा है।

उदाहरण के लिए हैण्ड कंपोजिंग, मैनुअल टाइपिंग, फोटोग्राफी डार्क रूम असिस्टेंट, रेडियो मैकेनिक आदि का जिक्र किया जा सकता है। समझा जा सकता है कि उक्त हुनर की बदौलत आजीविका कमाने वाले लोगों को उस समय किसी अन्य पेशे को अपनाने को मजबूर होना पड़ा होगा।

इक्कीसवीं सदी की बात करें तो स्थितियां और भी चिंताजनक हैं। कंप्यूटर, ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि के अस्तित्व में आने के बाद अनगिनत प्रोफेशन की अब जरूरत नहीं रह जायेगी और इसी कारणवश इनसे सम्बंधित रोजगारों में बड़ी संख्या में कटौती होने की आशंका जताई जा रही है। बैंकिंग क्षेत्र में ए टी एम मशीनों का बढ़ता चलन, कॉल सेंटर्स में टेलीकॉलर्स की जॉब्स में कमी, बी पी ओ क्षेत्र में नए रोजगार अवसरों का सृजन नहीं होना आदि इन्हीं बदलावों की दस्तक है।

बदलाव के इस दौर में अनेक नये उभरते करिअर अवसर भी हैं जिनका लम्बे समय तक बने रहना अवश्यम्भावी जान पड़ता है। इनमें एक प्रमुख क्षेत्र ई कॉमर्स है। देश में नोटबंदी और कैशलेस इकोनोमी को प्रोत्साहन देने की सरकारी नीतियों को देखते हुए ई कॉमर्स के जरिये मार्केटिंग करने वाली कंपनियों की संख्या में हाल के समय में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि देखने को मिली है। अभी तो बड़े शहरों में ई कॉमर्स कम्पनियां अपना पैठ बना रही हैं लेकिन आने वाले समय में देश के दूरदराज के इलाकों में भी इनका बोलबाला नजर आने लगेगा और इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इन्हें बड़ी संख्या में ट्रेंड मानव संसाधन की जरूरत पड़ेगी।

डिजिटाईजेशन, डेटा माइनिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, एनालिटिक्स विधाओं में पारंगत युवाओं के लिए रोजगार के अवसर व्यावहारिक तौर पर जीवन से जुड़े प्राय: हर क्षेत्र में बढ़ते हुए देखे जा सकते हैं। आई टी, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, स्टेटिस्टिक्स आदि की पृष्ठभूमि वाले युवा समय रहते उपरोक्त फील्ड में ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन कोर्स कर अपने कौशल को अद्यतन करने पर ध्यान दें तो उनके लिये रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हो सकते हैं।

अच्छी बात यह है कि ऐसे कोर्स अपनी नौकरी के साथ-साथ भी किए जा सकते हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र फाइनेंशियल मैनेजमेंट है, जिसमें दक्ष और जानकार लोगों की मांग में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। उपयुक्त शैक्षिक योज्ञता के साथ-साथ सम्बंधित कम्यूटर सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने में दक्ष लोगों के लिए आगामी वर्षों में बड़ी संख्या में रोजगार अवसरों का सृजन होगा। देश की फाइनेंशियल क्षेत्र की जानी मानी कंपनियों के अतिरिक्त बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नजरें भी भारत में इस क्षेत्र में पैमाने पर हैं।

अनुभवी पर कम वेतन पर काम करने वाले युवाओं को अभी से अपने इस कौशल को और निखारने की जरूरत है ताकि समय आने पर वे मौका नहीं चूकें। गहन प्रतिस्पर्धा और विदेशी कम्पनियों के आगमन से नामी कम्पनियों के लिए भी कारोबार में बने रहना और अपने बार शेयर को बचाए रखना आज के समय में चुनौती से कम नहीं है। यही कारण है कि अच्छे नतीजे देने वाले कुशल प्रबंधकों को मुंहमांगे वेतनमानों पर लाने को ये कम्पनियां आतुर रहती हैं।

प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थानों की डिग्री के साथ नामी कंपनियों से कार्यानुभव प्राप्त लोगों को ही इस तरह के ऑफर प्राय: मिलते हैं। अपेक्षाकृत नए संस्थानों से आने वाले युवाओं को स्वयं को स्थापित करने में थोड़ा ज्यादा वक़्त लगता है, इसलिए उन्हें धैर्यपूर्वक अपनी प्रतिभा को साबित करने पर शुरुआती दौर में सारा ध्यान फोकस करना चाहिए।

अन्य प्रकार की ग्रेजुएशन की डिग्रियों की तुलना में इंजीनियरिंग डिग्रीधारक युवाओं के लिए वर्तमान दौर की उभरती विधाओं में स्वयं को ट्रेंड करना और उनमें शिफ्ट करना कहीं ज्यादा आसान है। ये युवा समय रहते ऑनलाइन या ऑफ़लाइन कोर्स के जरिये अपने कौशल को उद्योग की मांग के अनुरूप ढाल कर सम्बंधित इंजीनियरिंग ट्रेड अथवा अन्य फील्ड में रोजगार पाने में सफल हो सकते हैं। उक्त क्षेत्रों के अलावा स्टार्ट अप्स, मीडिया, सोशल मीडिया, टूर एंड ट्रेवल इंडस्ट्री, एजुकेशन, हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में भी आने वाले समय में ट्रेंड, अनुभवी और कार्यकुशल युवाओं की मांग लगातार बनी रहने की संभावना है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…