जम्मू-कश्मीर सरकार ने रियल एस्टेट निवेशकों के साथ 18,300 करोड़ रुपये के निवेश के 39 करार किए…

जम्मू-कश्मीर सरकार ने रियल एस्टेट निवेशकों के साथ 18,300 करोड़ रुपये के निवेश के 39 करार किए..

जम्मू, 27 दिसंबर। जम्मू-कश्मीर सरकार ने सोमवार को जमीन जायदाद के क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों के साथ 18,300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव वाले 39 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये।

ये समझौते केंद्र शासित प्रदेश में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं के विकास के लिये है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रियल एस्टेट शिखर सम्मेलन में समझौता ज्ञापनों पर हुए हस्ताक्षर को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए कहा कि यह केंद्र शासित प्रदेश में बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

शिखर सम्मेलन के दौरान संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही यहां रियल एस्टेट से जुड़े कानून रेरा और आदर्श किराया कानून लागू कर चुकी है।

सिन्हा ने कहा कि सरकार संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टाम्प शुल्क में छूट देने पर विचार करेगी और परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन को लेकर एकल मंजूरी व्यवस्था स्थापित करेगी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”हमने आज 39 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये। हमें 18,300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।”

इस सम्मेलन का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय तथा रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको ने किया था।

सिन्हा ने कहा कि इन समझौतों से जम्मू-कश्मीर में रोजगार सृजन में मदद मिलेगी।

उन्होंने घोषणा की कि इसी प्रकार का रियल एस्टेट सम्मेलन अगले साल 21-22 मई को श्रीनगर में होगा।

विपक्षी दलों के विकास के नाम पर स्थानीय लोगों की जमीन हड़पने के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि यह डर पैदा करने और लोगों को भड़काने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि इससे जनसंख्या संबंधी कोई परिवर्तन नहीं होगा

उपराज्यपाल ने बताया कि रियल एस्टेट कंपनियों से स्थानीय बिल्डरों के साथ भागीदारी करने को कहा गया है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट