रिश्वत लेने के मामले में नसीबपुर जेल के डीएसपी सहित चार के खिलाफ केस दर्ज, विजिलेंस के हाथ लगे अहम सबूत..
नारनौल, 10 दिसंबर । नसीबपुर जेल के दो वार्डन एक लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद शुक्रवार को उन्हें नारनौल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इस मामले में विजिलेंस गुरुग्राम ने जेल के उपाधीक्षक कुलदीप हुड्डा और जेल वार्डन विवेक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने नसीबपुर जेल में दिनभर कार्रवाई की। इस मामले में इन आरोपितों के अलावा एक और बड़े अधिकारी के खिलाफ भी विजिलेंस को सबूत मिले हैं। जाहिर है कि यह मामला भी एचसीएस अधिकारी अनिल नागर की तरह हाइप्रोफाइल बन गया है।
राज्य चौकसी ब्यूरो की एफआईआर में कई सनसनीखेज आरोप हैं।एफआईआर के अनुसार आरोपित डीएसपी कुलदीप हुड्डा गैंगस्टर पपला के साथी संदीप से हर महीने एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था।शिकायतकर्ता हंसराज का आरोप है कि डीएसपी कुलदीप हुड्डा पिछले एक साल से उसके भाई संदीप सिधिया को तंग कर रहा था और चक्की में डालने की धमकी देता था। चक्की से बचने के लिए हर महीने एक लाख रुपये देने होंगे। हंसराज ने अपनी मां इमरती को इस बात की जानकारी दी तो उन्होंने अपनी जमीन 21 लाख रुपये में बेच दी और डीएसपी को रुपये दे दिए।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने जेल वार्डन गजेसिंह, राजन, विवेक और डीएसपी कुलदीप हुड्डा को मजबूरन रिश्वत देनी पड़ रही थी। सूत्र बताते हैं कि जेल वार्डन विवेक ने पूछताछ में बताया कि उसने तीन नवंबर को ही नसीबपुर जेल में ज्वाइन किया था। विवेक ने इस मामले में कई राज खोलते हुए सरकारी गवाह बनने पर सहमति दे दी है।इस रिश्वतकांड में जेल का सबसे बड़ा अधिकारी भी फंसता नजर आ रहा है। उधर शुक्रवार को विजिलेंस ने दोनों आरोपित जेल वार्डन गजेसिंह और राजन को जेएमआईसी प्रथम श्रेणी की अदालत में पेश कर दिया। न्यायालय ने दोनों आरोपितों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दे दिए हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट