एमएसएमई सेक्टर निभाएगा यूपी चुनावों में अहम भूमिका…
लखनऊ, 17 नवंबर। चुनावी समर की ओर बढ़ रहे यूपी की सियासत में इस बार सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहने वाली है। चुनावी मैदान में उतर रही तमाम पार्टियों के एजेंडे भी स्पष्ट होने लगे हैं। साथ ही, जनहित के मुद्दों से लेकर लोकलुभावन घोषणाएं करने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। ऐसे में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के किए गए प्रयास विभिन्न राजनीतिक दलों पर भारी पड़ रहे हैं। बीते साढ़े चार वर्षों में योगी सरकार में एमएसएमई सेक्टर में कारोबार करने के लिए 76,73,488 लोगों को 2,42,028 करोड़ रुपए का ऋण मिला। सरकार के प्रयासों से इस सेक्टर को मिले ऋण से करीब दो करोड़ लोगों को रोजगार मिलने के दावे किए जा रहे हैं।
देश की 14 प्रतिशत इकाइयां यूपी में हैं और प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों के चलते इस सेक्टर में लगातार निवेश बढ़ रहा है। हर जिले में नई – नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हो रही है।
कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस सेक्टर में करीब डेढ़ लाख से अधिक नई इकाइयां इस सेक्टर में लगाई गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए विशेष ध्यान के चलते यूपी में एमएसएमई के कारोबारियों का सत्तारूढ़ दल के लिए एक नया कोर वोट बैंक तैयार हो गया है। जिसका संज्ञान लेते हुए कारोबार जगत से जुड़े लोग यह कह रहे हैं कि आगामी चुनावों में यह सेक्टर भी अहम भूमिका निभाएगा।
कारोबार जगत से जुड़े लोगों के इस दावे की वजह भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के औद्योगिक वातावरण को बेहतर करने के लिए उन्होंने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां तैयार कराई। इंवेस्टर समिट का आयोजन किया और एमएसएमई सेक्टर में अपनी इकाई स्थापित करने के उद्यमी को ऋण मुहैया कराने पर जोर दिया। इंवेस्टर समिट में 1045 निवेशकों ने 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव सरकार को सौंपे। इनमें से तीन लाख करोड़ रुपए के अधिक का निवेश नोएडा सहित कई अन्य जिलों में हो रहा है। इसी प्रकार एमएसएमई सेक्टर में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी इकाई लगाने में रूचि दिखाई। नई इकाइयों की स्थापना को लेकर राज्य में एमएसएमई सेक्टर द्वारा दिखाए गए उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सेक्टर में अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए एमएसएमई पार्क की स्थापना करने को मंजूरी दी, जिसके तहत यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर 29 और 32 में सूबे का पहला एमएसएमई पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा जल्दी ही आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में भी ऐसे ही पार्क बनाए जा रहे हैं। इन छह जिलों में बड़ी संख्या में एमएसएमई इकाइयां है। इस सेक्टर के विकास को लेकर उठाए जा रहे इन कदमों के साथ ही प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के दौरान भी कोई एमएसएमई इकाई बंद नहीं होने दी। उस वक्त सरकार ने जीवन और जीविका को बचाने के लिए इंडस्ट्रियल लॉकडाउन नहीं किया। सरकार का यह फैसला सूबे की एमएसएमई इकाइयों के लिए संजीवनी साबित हुआ है।
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से कृषि क्षेत्र के बाद एमएसएमई सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर है। एमएसएमई की संख्या के लिहाज से देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत है। एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से प्रदेश लगातार तीन वर्षों से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर रहा है।
वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 6,35,583 एमएसएमई को 27,2 02 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया गया था। साल 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 एमएसएमई को 41,193 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10,24,265 एमएसएमई उद्यमियों को 47,764 करोड़ रुपए और 2019-20 में 17,45,472 एमएसएमई उद्यमियों को 62,831 करोड़ रुपए का लोन दिया गया हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में 34,80,596 एमएसएमई इकाइयों को 63,038 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया गया है। इस वर्ष 01 अप्रैल से 10 नवंबर तक 1,25,408 नई एमएसएमई इकाइयों को 16,002 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया है।
सरकार के इन आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 89.99 लाख एमएसएमई सेक्टर में पंजीकृत हैं। एक एमएसएमई इकाई में तीन से पांच कार्य करते हैं। करीब चार करोड़ से अधिक लोग एमएसएमई सेक्टर में कार्यरत हैं। वर्ष 2016 से अब तक राज्य में 2,42,028 करोड़ रुपए का ऋण एमएसएमई सेक्टर में 76,73,488 लोगों को मुहैया कराया है। एमएसएमई सेक्टर के इन आंकड़ों का संज्ञान लेते हुए ही औद्योगिक संगठनों का दावा है कि आगामी चुनावों में बड़े और छोटे उद्यमी अहम भूमिका भूमिका निभाएंगे। आईआईए से जुड़े और आइसक्रीम के कारोबारी चेतन भल्ला कहते हैं, बीते साढ़े चार वर्षों में सरकार के स्तर से कारोबारी समाज का खासा ध्यान रखा गया है, उन्हें उद्यम स्थापित करने के लिए जमीन से लेकर ऋण तक सुगमता से उपलब्ध कराने में सरकार ने ध्यान दिया है। जिसके चलते राज्य में रिकार्ड निवेश आया और बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला। उद्योगों को मंदी का शिकार नहीं होना पड़ा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…