*डबल मर्डर से दहला इलाका, बुजुर्ग दंपति की गोलियों से भूनकर हत्या…..*
*कोठी में अकेले रहते थे दंपत्ति: पुलिस को संदेह, किसी परिचित ने ही की हत्या*
*लखनऊ/गाजियाबाद।* गाजियाबाद के सिहानी गेट थाना क्षेत्र के पटेलनगर द्वितीय में रहने वाले बुजुर्ग दंपति की दिवाली की रात पटाखों के शोर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। दंपति कोठी में अकेले रहते थे। उनके शव खून में लथपथ कमरे में पड़े मिले। घटना की सूचना पर एसएसपी सहित पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। आईजी प्रवीण कुमार के अनुसार घर के गेट पर लगे सीसीटीवी में हत्यारोपी नजर आ रहे हैं, प्रारंभिक जांच में मामला रंजिश का लग रहा है।
पटेल नगर द्वितीय में डी-63 में अपार्टमेंट बना हुआ है। इसके प्रथम तल पर अशोक जैदका (72 वर्ष) और उनकी पत्नी मधु जैदका (70 वर्ष) अकेले रहते थे। उनकी दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। बड़ी बेटी नीति पुणे और छोटी बेटी श्रुति नोएडा में रहती है। अशोक जैदका को करीब 18 साल पहले लकवा हो गया था और वह अधिकांश समय घर पर ही रहते थे। हालांकि, इससे पहले उन्होने बजरिया में मेडिकल स्टोर चलाया था। फिर व्यवसायिक बिल्डिंग बनाकर उन्हें किराये पर देने का काम भी शुरू किया था।
दीवाली की रात में उनकी बड़ी बेटी नीति ने माता-पिता से बात करने के लिए फोन किया। काफी देर तक जब किसी ने फोन नहीं उठाया तो उसने छोटी बहन श्रुति को फोन किया। इसके बाद उन्होने मकान के सामने प्रेस करने वाले वाल्मीकि कुंज निवासी सत्यप्रकाश उर्फ पप्पू को रात पौने 12 बजे फोन मिलाया और माता-पिता से बात कराने के लिए कहा। पप्पू बुजुर्ग दंपति के घर पहुंचा तो दरवाजा खुला मिला। पप्पू ने अंदर जाकर देखा तो मधु कमरे में आधी बेड और जमीन पर पड़ी हुई थीं और उनके सिर से खून बह रहा था। पप्पू ने पड़ोस में रहने वाली महिला को सूचना दी। फिर महिला ने श्रुति को फोन किया। श्रुति के पति मयंक भार्गव ने देर रात पुलिस को सूचना दी।
मृतक दंपति की बेटी श्रुति की तहरीर के आधार पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है।एसएसपी पवन कुमार ने कहा कि मामले में पुलिस व क्राइम ब्रांच की कई टीमों को लगाया गया है, जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया जाएगा। मकान के सामने प्रेस करने वाले सत्यप्रकाश उर्फ पप्पू ने बताया कि बुजुर्ग दंपति अनजान के लिए कभी दरवाजा नहीं खोलते थे। मधु पहले अंदर से ही देखती थीं कि दरवाजे पर कौन आया है। जब वह संतुष्ट हो जाती थीं तभी दरवाजा खोलती थीं। इससे साफ लगता है कि दंपति की हत्या करने वाला कोई परिचित हो सकता है।
*”हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,*