1 करोड़ नौकरियों के वादे के साथ राष्ट्रीय लोकदल ने जारी किया लोकसंकल्प 2022…

1 करोड़ नौकरियों के वादे के साथ राष्ट्रीय लोकदल ने जारी किया लोकसंकल्प 2022…

लखनऊ 31 अक्टूबर। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भाईचारा जिंदाबाद औऱ चौधरी जयन्त सिंह जिंदाबाद के नारों से गूंजती रही। राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता प्रदेश के कोने-कोने से राजधानी लखनऊ पहुंचे। चौधरी जयन्त सिंह की अगुवाई में राष्ट्रीय लोकदल ने अपना घोषणापत्र ‘लोक-संकल्प पत्र 2022’ राजधानी के रवींद्रालय रंगालय सभागार में उत्साहित कार्यकर्ताओं के बीच जारी किया। कार्यकर्ताओं के हुजूम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह ने 2022 के 22 संकल्प को जारी करते हुए प्रदेश के 1 करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात जोर-शोर से रखी। चौधरी जयन्त सिंह ने कहा की  2017 में शपथ लेने के बाद योगी जी ने 70 लाख नौकरी देने का वादा किया और आज 5 साल के बाद वो होर्डिंग लगा रहे हैं की उन्होंने 4 लाख नौकरी दी। अगर इस असंभव को हमने संभव नहीं बनाया तो प्रदेश का युवा ऐसे ही भटकता रहेगा। 1 करोड़ लोग उत्तरप्रदेश की जनसंख्या का सिर्फ 3 या 4% हैं। अगर हम इतने लोगों को भी रोजगार न दे सकें तो लानत है ऐसी सरकार पर। वहीं इस दौरान माधोगढ़ से बसपा के पूर्व विधायक सन्तराम कुशवाहा, फतेहपुर के जहानाबाद से बसपा के पूर्व विधायक आदित्य पांडेय और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और पीसीएस एसोसिशन के अध्यक्ष रहे बाबा हरदेव ने भी चौधरी जयंत सिंह की सोच और पार्टी की नीतियों से प्रभावित होकर राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की।
भारी भीड़ को संबोधित करते हुए किसानों के मुद्दे पर चौधरी जयन्त सिंह ने कहा की आज की भाजपा सरकार में किसानों की हालत दयनीय है। देश में आज़ादी के पहले और आजादी के बाद  किसानों को हमेशा अपने हक़ के लिए लड़ना पड़ा है। बड़े- बड़े आंदोलन हुए हैं। आज भी किसान अपने हक़ के लिए पिछले एक साल से आंदोलन पर बैठा है। हजारों किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, हम उन सब किसानों  को नमन करते हैं। तीन काले कानूनों को निरस्त करने की बात भी लोकसंकल्प का अहम मुदा है।
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “उत्तरप्रदेश में भी समय समय पर लोगों ने आवाज़ उठायी चाहे वो छात्र हों या शिक्षामित्र, बाबा ने सब पर लाठियां चलवाने का काम किया है। जब हमारी सरकार बन जाएगी आपको आंदोलन करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।”
सभा को सम्बोधित करते हुए जयन्त चौधरी ने कहा की उत्तर प्रदेश में हम पहली राजनीतिक पार्टी हैं जो चार महीने पहले अपना घोषणापत्र जारी कर रहे हैं। हमारी मैनिफेस्टो समिति के 20  सदस्यों ने कई लोगों से बात की। मैंने खुद डॉक्टर्स, वैज्ञानिक, बाहर रह रहे उत्तरप्रदेश के कई लोगों से बात की और लाखों लोगों से संपर्क करके, उनके सुझावों को लेकर अपने घोषणापत्र का मसौदा तैयार किया है।
प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा की हम तो चाहेंगे की योगी जी हमारी घोषणाओं से प्रभावित होकर खुद भी कुछ घोषणाएं करें। हमने पहल की है। हमने मुद्दों की बात की हैं, हमने एजेंडा सेट किया है। अगर सरकार हमसे प्रभावित होकर कुछ फैसले लेती है तो हम भी अपने घोषणापत्र में बदलाव करके उनसे ज्यादा देने का काम करेंगे।
राष्ट्रीय लोकदल के घोषणापत्र के कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं। मैनिफेस्टो की कॉपी रालोद के वेबसाइट पर भी अपलोड की गयी है।
•1 एक करोड़ नौकरियां
• राज्य, नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं के बीच मौजूदा प्रौद्योगिक इंटरफेस का उन्नयन करेगा – रोजगार संगम।
• निजी क्षेत्र और सामाजिक संगठनों के साथ प्रयासों का समन्वय करना और रोजगार सृजन पर एक मासिक रिपोर्ट प्रदान करना।
• सभी विभागों में सभी रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का पालन करते हुए भरेंगे।
• निजी क्षेत्र और सरकारी संस्थाओं को सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य द्वारा एक नया सार्वजनिक उपक्रम बनाया जाएगा।
• लोक संकल्प 2022 में प्रस्तावित योजनाएं जिनमें कांशीराम शहरी श्रम कल्याण योजना, सृजित नए पद (मुख्य रूप से खेल, स्वास्थ्य और कृषि में) शामिल हैं, इस लक्ष्य को हासिल करने में एक बड़ा योगदान देंगे।
2. किसानों को मिलेगा आलू का डेढ़ गुना दाम
• मूल्य निर्धारण के सुस्थापित सिद्धांत का पालन करते हुए राज्य लागत के 150% पर आलू के लिए एमएसपी घोषित करेगा।
• आगरा में एक राज्य आलू अनुसंधान संस्थान और निर्यात प्रोत्साहन केंद्र की स्थापना की जाएगी।
3. गन्ना किसानों को लागत का डेढ़ गुना दाम  – 14 दिनों में भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा
• बोवाई के समय SAP घोषित करना।
• पैसे न देने वाली निजी गन्ना मिलों के खातों का फोरेंसिक ऑडिट।
• पहले सीजन में एसएपी लागत के 150% पर आधारित होगा। इसके बाद, किसानों और उद्योग को लाभ पहुंचाने के लिए न्यायसंगत और पारदर्शी मूल्य निर्धारण फॉर्मूला सुनिश्चित करने के लिए मूल्य को महंगाई सूचकांक से जोड़ा जाएगा।
• गन्ना किसानों को 14 दिनों के भीतर भुगतान प्राप्त होगा। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी (डिफॉल्ट करने वाली मिलों का  संभवतः अधिग्रहण)।
4. चौधरी चरण सिंह कृषक सम्मान योजना – दोगुना भुगतान, किसानों का सम्मान।
• केंद्र सरकार द्वारा पीएम सम्मान योजना, जिसमें 6000 रुपये प्रति वर्ष प्रदान किए जाते हैं एवं 3 किश्तों में भुगतान किया जाता है, उन किसानों को हमारी सरकार  में राज्य भी 6,000 रुपए की सहायता प्रदान करेगा, जिससे किसानों के खाते में कुल 12000 की रकम पहुंचेगी।
• राज्य की ओर से किसान दिवस, 23 दिसंबर को सालाना एकमुश्त भुगतान जारी किया जाएगा। कुल मिलाकर, किसानों को प्रति वर्ष 12000 रुपये मिलेंगे, और असिंचित भूमि वाले छोटे किसानों को प्रति वर्ष 15000 रुपये मिलेंगे।
5. तीन गुना बढ़ाई जाएगी वृद्धावस्था पेंशन की राशि
• वरिष्ठ नागरिकों को प्रदान की जाने वाली वृद्धावस्था पेंशन को 3 गुना, 60-79 वर्ष 1500 रुपये प्रति माह और 80+ वर्ष 2400 रुपये प्रति माह बढ़ाएंगे।
• वृद्धावस्था विकलांगता और वृद्धावस्था विधवा भत्ता 3 गुना बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति माह करेंगे।
06 सशक्त महिला, सक्षम महिला – भर्तियों में 50% आरक्षण
• सभी विभागों और सभी स्तरों पर पदों की भर्ती में महिलाओं के लिए 50% कोटा
• किसानों के लिए प्रभावी बीमा योजना
• राज्य, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से पीछे हट जाएगा क्योंकि यह योजना किसानी के कार्यों के जोखिम को कम करने में विफल रही है। इस योजना ने सिर्फ निजी बीमा क्षेत्र को मुनाफा प्रदान किया है ।
• विशेषज्ञों, कृषिविदों और प्रतिनिधि निकायों के परामर्श के बाद एक नई प्रभावी बीमा योजना तैयार की जाएगी।
8. किसानों और बुनकरों के बिजली का पिछला बिल माफ़- आगे का बिल हाफ
• उत्तर प्रदेश ने बिजली दरों में वृद्धि की है जो अब अधिकांश ग्रामीण परिवारों के लिए टिकाऊ नहीं है। इसलिए, हम किसानों और बुनकरों को तत्काल राहत प्रदान करने का इरादा रखते हैं। उपभोक्ताओं के दोनों वर्गों का बकाया माफ किया जाएगा और भविष्य के टैरिफ आधे कर दिए जाएंगे!
• उभरती ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और बिलिंग और उपभोक्ता प्रतिक्रिया के क्षेत्र में बिजली विभाग में दक्षता में सुधार के लिए इसका उपयोग करने के तरीकों को देखने के लिए एक अध्ययन केंद्र स्थापित किया जाएगा। इससे भ्रष्टाचार और लीकेज को पहचानने एवं कम करने में मदद मिलेगी और इस तरह उपभोक्ताओं पर कम बोझ पड़ेगा।
9. पूर्वाचल, बुंदेलखड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना।  न्याय के लिए नहीं भटकना पड़ेगा
• राज्य, पश्चिमी यूपी और बुंदेलखंड और पूर्वांचल में भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की स्थायी बेंच बनाने के लिए काम करेगा। यह राज्य के दूर-दराज में रहने वाले कानूनी समुदाय के लिए फायदेमंद होगा और साथ ही उन नागरिकों के लिए भी आसान होगा, जिन्हें कानूनी उपचार के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
10. नए कृषि कानूनों के विरुद्ध विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेंगे
•  केंद्र सरकार किसान आंदोलन का सम्मान कर कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करे।
• न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसान का कानूनी अधिकार बनाया जाय।
• नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरुद्ध आन्दोलन में मृतक किसानों को शहीद का दर्ज़ा देने व उचित सम्मान का प्रावधान किया जाय।
11. जनता की सेवक होगी ख़ाकी यूनिफॉर्म
• राज्य, सुप्रीम कोर्ट के 2006 के प्रकाश सिंह फैसले का पालन करेगा।
• पुलिस भर्ती में तेजी लाई जाएगी और लंबित नियुक्तियों (2016 अधिकारी भर्ती सहित) को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
• पुलिस नौकरियों के लिए आवेदन की आयु 28 वर्ष तक बढ़ाई जाएगी (सामान्य श्रेणी के लिए + आरक्षित श्रेणियों के लिए छूट)।
• मनोबल और पुलिस मानकों में सुधार के लिए ड्यूटी के घंटे तय करना और ओवरटाइम लाभ प्रदान करना।
• गृह जिलों के करीब अधिकारियों की तैनाती को सक्षम करने वाली सीमा योजना को हटाना।
• जांच विभाग को कानून-व्यवस्था से अलग करना।
• भर्तियों में महिलाओं के लिए 50% कोटा पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित करने और सभी नागरिकों को संवेदनशील पुलिसिंग प्रदान करने के लिए।
12 मान्यवर कांशीराम योजना –  मिलेगा हक, होगा न्याय
• असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों और कारीगरों के श्रम की गरिमा सुनिश्चित करना और आर्थिक सहायता प्रदान करना (नियम बनाने के लिए मनरेगा के अनुभव का उपयोग करेंगे)।
13. पिछड़ों को मिलेगी छात्रवृति – बदलेगी उनकी नियति
• मानव पूंजी पर ध्यान: उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले और शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पाने वाले पिछड़े और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति।
• विकेन्द्रीकृत शासन: 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों द्वारा परिकल्पित वास्तविक लोगों के नेतृत्व वाली, निचले स्तर की लोकतांत्रिक व्यवस्था को सक्षम बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं को अधिकार का निर्वाहन।
• जाति की बाधाओं को तोड़ना: पारंपरिक जाति-आधारित बाधाओं को चुनौती देने में अंतर्जातीय विवाह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राज्य अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ों को मौजूदा योजना के अनुसार दिए जाने वाले लाभों को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर देगा।
• आर्थिक समानता: अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और विकलांगों के नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप और उपक्रमों के लिए 2500 करोड़ रुपये का उद्यमी कोष। इसके अतिरिक्त, कृषि में पैदावार और राजस्व मॉडल में सुधार के लिए नवाचार और आधुनिक तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए 2500 करोड़ रुपये का एग्री स्टार्ट-अप फंड स्थापित किया जाएगा।
• अंतर्धार्मिक सद्भाव: राज्य बेहतर अंतर-सामुदायिक संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए कानूनों को लागू करेगा और अपने निपटान में सभी तंत्रों का उपयोग करेगा। सभी नागरिकों और विशेष रूप से अल्पसंख्यकों और कमजोर वर्गों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना।
14. गॉंव -गॉंव डॉक्टर , घर-घर दवाई
•  ब्लॉक स्तर पर चालू होने के लिए राज्य एक मोबाइल डायग्नोस्टिक लैब का  नेटवर्क तैयार करेगा।
• प्रति ग्राम पंचायत में 1 स्वास्थ्य मित्र की नियुक्ति।
• निचले स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण।
• नागरिकों को मुफ्त टेलीमेडिसिन प्रदान करने के लिए संजीवनी मोबाइल एप को अपग्रेड करें और संसाधनों को रीयल-टाइम में मैप करें।
• आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले भत्तों में वृद्धि।
• अंतिम छोर अर्थात पीएचसी और सीएचसी पर ध्यान केंद्रित करते हुए बुनियादी ढांचे का उन्नयन।
• स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाकर 8% करना
15. आधारभूत संरचना का बिछेगा जाल, बेहतर होंगे शहर, रौशन होगा कस्बा और गांव
• उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों के लिए 15 वर्षीय इंट्रा-सिटी ट्रांसपोर्ट प्लान विकसित करेंगे।  यह योजना शहरी सीमाओं के विकास, सड़क नेटवर्क को बढ़ाने, मेट्रो के लिए व्यवहार्यता अध्ययन सहित सार्वजनिक परिवहन के मॉडल पर ध्यान देगी। (2011 के अनुसार यूपी में 1 लाख से अधिक आबादी वाले 64 शहर थे)।
• 2030 तक सभी राज्य बसों (यूपीएसआरटीसी) को ई-बसों में परिवर्तित करना और 25000 बसें बढ़ाएंगे।
• नगर निगम, पालिका परिषदों और नगर पंचायतों सहित सभी रूर्बन क्षेत्रों में 2030 तक सीवेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बुनियादी ढांचे और सुविधाएं प्रदान करना।
• हाथ से मैला ढोना और पुनर्वास अधिनियम, 2013 के रूप में रोजगार का निषेध लागू करें (राज्य गटर नालियों की सफाई के लिए उपयुक्त आधुनिक उपकरण खरीदेगा)।
• सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों, नालों के किनारे सड़कों का निर्माण।
• लंबित एक्सप्रेसवे परियोजनाओं (गंगा, बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे) को समयबद्ध तरीके से पूरा करना।
16 कृषि, पशुपालन और डेयरी के लिए अलग बजट की व्यवस्था
• 5 वर्षों में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता को दोगुना करने का लक्ष्य
• डेयरी किसानों को अन्य राज्यों की तरह 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी
• पशुपालन और डेयरी जैसे विषयों सहित एक अलग कृषि बजट विधानसभा में पेश किया जाएगा। ये राज्य के विषय हैं और सांसदों और जनता के ध्यान की आवश्यकता है।
17 नयी खेल नीति – खेलेगा उत्तरप्रदेश, बढ़ेगा उत्तरप्रदेश
• राज्य, खेल और खेल उपलब्धियों के लिए सम्मान की संस्कृति का निर्माण करने का प्रयास करेगा। यह शैक्षिक पाठ्यक्रम में खेल को जोड़कर और चैंपियनों को आकर्षक पुरस्कार प्रदान करने के ज़रिए किया जाएगा।
• अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में पदक जीतने के लिए एक आक्रामक लक्ष्य और रणनीति निर्धारित करेंगे।
• प्रखंड स्तर पर आधुनिक बहु खेल सुविधाएं सृजित की जाएंगी।
• खेल मित्र का एक नए पद पूर्व खिलाड़ियों से भरे जाएगे। ये अधिकारी युवाओं को प्रेरित करने और जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करने, पंचायतों में खेल के मैदानों को सुरक्षित करने, राज्य भर में खेल सुविधाओं के रखरखाव और उपयोग के लिए जिम्मेदार होंगे और उन्हें प्रदर्शन-आधारित भत्ते के माध्यम से पारिश्रमिक दिया जाएगा।
18 डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का विजन – रालोद का मिशन
• डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के तकनीकी राष्ट्रवाद के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए, हम नवाचार के लिए अपने युवाओं की क्षमता को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। तदनुसार, कम उम्र में छात्रों को बाजार के सिद्धांतों से अवगत कराने और उनकी अवधारणाओं और आविष्कारों को विकसित करने में मदद करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में ऊष्मायन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
• 100 स्टार्ट-अप, वैज्ञानिकों और अन्वेषकों को सालाना 1 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रिन्यूएबल एनर्जी और ब्लॉकचेन में रिसर्च पर जोर दिया जाएगा।
• 2030 तक सभी सरकारी स्कूलों को कंप्यूटर लैब और इंटरनेट लैस किया जाएगा
• अंग्रेजी माध्यम निर्देश
• विश्वविद्यालय परिसरों में वाईफ़ाई हॉटस्पॉट प्रदान करेंगे।
• स्कूलों और विश्वविद्यालयों में नामांकित छात्रों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी संसाधन। यह वैश्विक पत्रिकाओं, प्रकाशनों और डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करेगा।
• डॉ एपीजे कलाम यूनिवर्सिटी फॉर ड्रोन एंड पायलटलेस टेक्नोलॉजी। (दक्षिण एशिया में इस तरह की पहली पहल)
• 10 सामाजिक और शैक्षिक रूप से सबसे पिछड़े क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
19 सबको भोजन – सबको काम
• मनरेगा योजना के अनुसार मजदूरी दरों को बढ़ाकर 320 रुपये (भारत में उच्चतम राज्य द्वारा स्वीकृत श्रम दर) किया जाएगा।
• मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम 100 दिनों के काम की गारंटी (वर्तमान औसत 46 दिन है)।
• अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को पीडीएस आवंटन में प्रति यूनिट 2 किलो आलू और अनाज का एक विकल्प शामिल करना।
20 कोविड मृतकों के आश्रितों / परिजनों को 4 लाख की सहायता राशि
• राज्य कोविड प्रभावित परिवारों की गणना करने के लिए एक ऑडिट करेगा और कोविड से मरने वाले लोगों की असल संख्या की गणना करेगा। राज्य के तरफ से कोविड मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
21 न्यायिक आयोग से जनता के विरुद्ध लंबित मुकदमों का निस्तारण
• सरकार मुकदमेबाजी को कम करने के लिए एक 5 सदस्यीय आयोग का गठन करेगी। जिन मामलों में राजस्व पर जोखिम न्यूनतम है, सरकारी विभागों के बीच दावों, अनावश्यक अपीलों का निपटारा किया जाएगा।
• आंदोलन करने वाले किसानों के खिलाफ जैसे 2 अप्रैल, 2018 के भारत बंद जैसे राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों से संबंधित मामले वापस ले लिए जाएंगे।
22 शहीदों का होगा मान – ₹ 1 करोड़ से होगा सम्मान
• सेना, अर्धसैनिक, पुलिस और अग्निशमन विभागों के शहीदों के लिए एक करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
• शहीद ग्राम विकास योजना शहीदों के बलिदान को याद करने के लिए गांव और बस्तियों के विकास के लिए धन उपलब्ध कराने के लिए।
• नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान शहीद हुए उत्तर प्रदेश के किसानों को शहीद के रूप में मान्यता दी जाएगी।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…