दीपावली के पूर्व देश भर के रचनाकार सुकून वाले जीवनदीप की करेंगे तलाश…

दीपावली के पूर्व देश भर के रचनाकार सुकून वाले जीवनदीप की करेंगे तलाश…

किन उपकरणों का दीपक, किसका जलता है तेल ?

किसकी वर्ती, कौन करता, इसका ज्वाला से मेल ?

साहित्यिक परिचर्चाओं और लगातार ऑनलाइन काव्य गोष्ठी के आयोजन से बिहार में साहित्यिक क्षितिज को एक नया आयाम देने के लिए प्रयासरत काशी काव्य संगम बिहार इकाई ने इस बार दीपावली से ठीक पहले “सुकून वाला जीवनदीप” विषय को परिचर्चा सह काव्य गोष्ठी का विषय बनाया है। दीपक और जीवन के बीच के रहस्य को तलाशने वाले संवेदनशील विषय “सुकून वाला जीवनदीप” पर आयोजित होने वाला परिचर्चा सह काव्य गोष्ठी साहित्यिक गलियारों के साथ साथ आम बुद्धिजीवियों और समाजशास्त्रियों के लिए काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

विषय के चयन के संबंध में संस्था के प्रदेश सचिव बिपिन कुमार चौधरी ने बताया कि आज दुनियां के चकाचौंध के बीच भी मानव एक घोर अंधकार और अनंत तिमिर में फंस कर मानसिक रूप से विचलित और कुंठित जीवन जीने को विवश है। सफलता के शिखर पर आसीन बॉलीवुड का उभरता सितारा सुशांत सिंह राजपूत और आईएएस मुकेश पांडे की आत्महत्या ने सभी को किंकर्तव्यमूढ़ कर दिया था। ऐसे में यह सवाल उठना भी लाजिमी है कि जीवन के किस सत्य और शांति की तलाश में महात्मा बुद्ध अपना राजमहल छोड़ जाते हैं। देश भर के चालीस से ज्यादा साहित्यकार और रचनाकार इस आयोजन में अपने तरीके से इस रहस्य को उजागर करने का एक छोटा सा प्रयास करेंगे। हालांकि श्री चौधरी मुस्कुराते हुए छायावादी कवयित्री महादेवी वर्मा की पंक्ति के रूप में इस गोष्टी के संभावित निष्कर्ष पर कुछ इस तरह प्रकाश डालते हैं कि

मत व्यथित हो फूल, किसको सुख दिया संसार ने।
स्वार्थमय सबको बनाया यहां कर्तार ने।

प्रदेश अध्यक्ष मनोज राय का मानना है कि सिर्फ साहित्य ही नहीं आम मानव के जीवन के लिए भी इस तरह का आयोजन काफी सार्थक होगा, क्योंकि महादेवी वर्मा ने ही कहा है –

तारों में प्रतिबिम्बित हो, मुस्कायेंगी अनंत आँखें,
हो कर सीमाहीन, शून्य में मँडरायेगी अभिलाषें!

प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र कुमार जायसवाल ने बताया कि सभी प्रतिभागियों को संस्था द्वारा शांतिदूत सम्मान से सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखलाक खान भारतीय और विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय सचिव नसीमा निशा और राष्ट्रीय संरक्षक आलोक सिंह बेताब होंगे। गुगल मिट पर संध्या तीन बजे से आयोजित होने वाले कार्यक्रम का संचालन राजस्थान की कवयित्री तमन्ना गोयल और उत्तरप्रदेश की कवयित्री विभा तिवारी के द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। हरियाणा की कवयित्री विशी सिंह के सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और दिलीप कुमार शर्मा द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया जायेगा। गुगल मिट पर संध्या तीन बजे से आयोजित होने वाले कार्यक्रम का संचालन राजस्थान की कवयित्री तमन्ना गोयल और उत्तरप्रदेश की कवयित्री विभा तिवारी के द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा। हरियाणा की कवयित्री विशी सिंह के सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और दिलीप कुमार शर्मा द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया जायेगा। इस कार्यक्रम में विद्या शंकर अवस्थी पथिक (कानपुर), प्रोफेसर हिमांशु कुमार सिंह (झारखंड), बिहार से स्वराक्षी स्वरा, प्रोफेसर जियाउर रहमान जाफरी, और प्रोफेसर डॉक्टर अम्बे कुमारी, सेवानिवृत प्राचार्य डॉक्टर मृणालिका ओझा, शायर नवेद रजा दुर्गवी (छत्तीसगढ़), गीतकार निरंजन कुमार तिलक (मध्यप्रदेश), भास्कर सिंह माणिक कोंच, के साथ साथ प्रदेश इकाई और राष्ट्रीय कमेटी के सदस्यों सहित सैकड़ों साहित्यकार उपस्थित रहेंगे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…