गोवा सरकार की सीजेडएमपी के लिए और छह माह की मांग वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना (सीजेडएमपी) को अंतिम रूप देने का समय छह महीने और बढ़ाने कहा गोवा सरकार का अनुरोध ठुकरा दया। हरित अधिकरण ने राज्य सरकार का आवेदन निरस्त करते
हुये कहा है कि राज्य अपने कर्तव्य की चिंता किए बिना इत्मीनान से यह काम नहीं कर सकता है। एनजीटी ने आगाह किया कि अगर सीजेडएमपी 31 दिसंबर, 2021 तक पूरा नहीं होता है, तो गोवा के संबंधित सचिव एक जनवरी, 2022 से इसके पूरा होने तक वेतन के हकदार नहीं होंगे। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति बृजेश
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सेठी की पीठ ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) विनियम, 2011 के अनुसार सीजेडएमपी को अंतिम रूप देने के आदेश का उल्लंघन है, जिससे कानून के मुताबिक, मामलों को नियमित नहीं किया जा रहा है। पीठ ने सात अक्टूबर के आदेश में कहा कि पहले ही विलंब हो चुका है और अतिरिक्त समय देने का कोई कारण नजर नहीं आता। पीठ ने
कहा ‘‘राज्य अपने दायित्व की परवाह किए बिना इतने धीरे काम नहीं कर सकता।’’ पीठ ने कहा ‘‘27 नवंबर 2019 को दिए गए आदेश के आधार पर यह व्यवस्था दी जा रही है । आदेश का पाालन नहीं किया गया।’’ न्यायाधिकरण गोवा सरकार की उस अपील पर सुनवाई कर रहा था जिसमें सीजेडएमपी को अंतिम रूप देने के लिए फरवरी 2022 तक समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया था ।
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