भारत को नष्ट करने के लिए ‘नार्कोटिक जिहाद’ का पाकिस्तानी षड्यंत्र

भारत को नष्ट करने के लिए ‘नार्कोटिक जिहाद’ का पाकिस्तानी षड्यंत्र

बीकानेर, 12 अक्टूबर। भारत में दो प्रकार के जिहाद हैं। एक ‘हार्ड जिहाद’ जिसमें बम विस्फोट आतंकवादी गतिविधियां आती हैं। दूसरा ‘सॉफ्ट जिहाद’ है, जिसमें ‘हलाल अर्थव्यवस्था’ ‘लैंड जिहाद’ ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ (मादक पदार्थों का जिहाद) आते हैं। बिना रक्त बहाए और बंदूक की गोली व्यर्थ किए बिना भारत को कमजोर करने के लिए ‘नार्कोटिक

जिहाद’ का उपयोग किया जाता है। भारत की युवा पीढी को कमजोर कर भारत को नष्ट करने का यह पाकिस्तान का षड्यंत्र है। पाकिस्तान के मादक पदार्थ विक्रेता रमजान को पकडऩे पर उसने यह सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है। यह बात कर्नाटक के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और उद्योगपति प्रशांत संबरगी ने हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘भारत में नार्कोटिक जिहाद’

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विषय पर आयोजित ऑनलाइन विशेष संवाद में कहे। संबरगी ने कहा कि अब पंजाब के उपरांत केरल ‘नार्कोटिक जिहाद’ का गढ़ बनता जा रहा है। केरल में मादक पदार्थों से संबंधित अपराधों की संख्या पहले 500 थी, वर्ष 2016 के उपरांत संख्या 3,500 हो गई है। इसीलिए केरल के फादर जोसेफ कल्लारनगट्ट ने सार्वजनिक रूप से कहा कि ईसाई युवतियों को मादक पदार्थों के माध्यम से निशाना बनाया जा रहा है। केवल हिन्दी ही नहीं, अपितु कन्नड, तमिल, तेलगु इत्यादि फिल्मी पार्टियां मादक पदार्थों के बिना नहीं होतीं, यह राष्ट्रीय समीकरण है। संवाद में ओडिशा के पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक अरुण कुमार उपाध्याय ने

कहा कि मादक पदार्थों का व्यवसाय आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों हेतु पैसे कमाने का बडा माध्यम है, परंतु इसकी जांच और शीघ्र न्याय होकर जब तक दंड नहीं दिया जाएगा, तब तक इसे रोकना कठिन है। मादक पदार्थ के अपराधों को पुलिस, सीमाशुल्क विभाग, मादक पदार्थ विरोधी दल सभी पैसे कमाने का माध्यम समझते हैं। हिन्दू जनजागृति समिति के दिल्ली राज्य प्रवक्ता नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि भारतीय युवाओं को मादक पदार्थों से बचाने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने की आवश्यकता है।

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