एनजीटी ने डीपीसीसी को दक्षिण-पूर्व जिले में प्रदूषण, भारी मशीनों के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई का दिया निर्देश
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को यहां दक्षिण-पूर्व जिले में निर्माण सामग्री के अवैध कारोबार तथा भारी मशीनरी के उपयोग से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीपीसीसी से इन कथित उल्लंघनकर्ताओं को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया, ताकि उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिले। पीठ ने कहा, ‘‘
डीपीसीसी को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अन्य प्राधिकारियों के समन्वय से कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने दें। आवेदक द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार, ‘रजिस्ट्री’, ईमेल/व्हाट्सएप द्वारा भी नोटिस जारी कर सकती है।’’ डीपीसीसी के
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वकील ने कहा कि उल्लंघन पाए गए हैं और क्षतिपूर्ति का आकलन किया गया है, दिल्ली पुलिस और एसडीएम (उप प्रभागीय मजिस्ट्रेट) के साथ समन्वय करके आगे की कार्रवाई की जानी है। एनजीटी ने अपने आठ अक्टूबर के आदेश में कहा कि एसडीएम का यह कहना है कि अतिक्रमण हटाने के लिए भूमि-मालिक एजेंसी दिल्ली विकास प्राधिकरण जिममेदार है, यह
तर्कसंगत नहीं है क्योंकि प्रदूषणकारी गतिविधि को वैधानिक नियामकों द्वारा रोका जा सकता है, भले ही भूमि का मालिक कोई भी हो। अधिकरण गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘बंधु मुक्ति मोर्चा’ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें दक्षिण-पूर्व जिले के पुल पहलाद पुर गांव में प्लॉट नंबर 1 और बदरपुर मार्केट, मेन मथुरा रोड, तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन के पास, बदरपुर, नई दिल्ली में निर्माण सामग्री के अवैध कारोबार और ‘क्रेन’ जैसी भारी मशीनरी के उपयोग से होने वाले प्रदूषण के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई करने में विफलता का जिक्र किया गया है।
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