न्यायालय ने आप सदस्यों के निलंबन को चुनौती वाली याचिका पर ईडीएमसी से जवाब मांगा

न्यायालय ने आप सदस्यों के निलंबन को चुनौती वाली याचिका पर ईडीएमसी से जवाब मांगा

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सदन में कथित रूप से हंगामा करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के निलंबन को चुनौती वाली याचिका पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) से शुक्रवार को जवाब मांगा और उन्हें दिन के दौरान आयोजित निगम की एक विशेष बैठक में भाग लेने की अनुमति दी। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि यह अंतरिम व्यवस्था

सदस्यों के सदन में मर्यादा बनाए रखने के अधीन है और उन्होंने निलंबन आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर ईडीएमसी से जवाब मांगा। न्यायाधीश ने आदेश में कहा, ‘‘यह निर्देश दिया जाता है कि एक अंतरिम व्यवस्था के तहत याचिकाकर्ताओं को आज (शुक्रवार) प्रतिवादी के विशेष सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए। तथापि, यह याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा इस वचनबद्धता के अधीन होगा कि वे सदन की मर्यादा को बनाए रखेंगे। उच्च न्यायालय ने 17 निलंबित

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सदस्यों की याचिका पर नोटिस जारी किया और याचिका पर पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल का रूख भी जाना। मामले में अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा और वकील अनुपम श्रीवास्तव ने किया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि निलंबन का आदेश अवैध और कानून के विपरीत था। ईडीएमसी के वकील ने कहा कि निलंबित सदस्यों ने जुलाई से सितंबर तक हुई तीन बैठकों को बाधित किया और मामले में पारित वापसी के

आदेश को रिकॉर्ड में रखने के लिए समय मांगा। अपनी याचिका में, निलंबित सदस्यों ने कहा है कि उन्हें कभी भी सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया और उन्हें कोई कारण बताओ नोटिस जारी नहीं किया गया जो न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। गौरतलब है कि 15 सितंबर को, पूर्वी दिल्ली के महापौर अग्रवाल ने सदन में कथित कदाचार के लिए ईडीएमसी के आप के 17 सदस्यों को 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था।

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